UP BJP Political Crisis: यूपी बीजेपी में पिछले कई दिनों से खटपट और सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकों और मुलाकातों का दौर जारी है। 14 जुलाई के बाद से अब तक इस विवाद को लेकर कई बयान और दौर हम सभी देख चुके हैं। इस बीच यूपी में बीजेपी के बड़े नेता भूपेंद्र चौधरी के इस्तीफे की मांग कर दी है। यूपी सरकार में पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुनिल भराला ने भूपेंद्र चौधरी के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख कर कहा कि माननीय प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को हार की जिम्मेदारी लेते हुए त्याग पत्र दे देना चाहिए।
सुनिल भराला ने अपनी पोस्ट में केशव मौर्या के बयान को कोट करते हुए लिखा कि संगठन सरकार से बड़ा होता है वैसे ये बात पंडित दीनदयाल जी के भाग 3 पर लिखी है। इस बयान पर मेरी समझ में संगठन की जिम्मेदारी बड़ी होती है। माननीय डिप्टी सीएम का आशय यही रहा होगा हार की जिम्मेदारी संगठन की होती है। इसलिए माननीय भूपेंद्र चौधरी को बिना देर किए हार की जिम्मेदारी लेते हुए त्याग पत्र देना चाहिए।
“संगठन सरकार से बड़ा होता है”- श्री केशव प्रसाद मौर्य।
वैसे ये पंडित दीनदयाल जी भाग ३ पर लिखा है। इस बयान पर मेरी समझ से संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है।
माननीय उप मुख्यमंत्री जी श्री @kpmaurya1 जी का आशय यही रहा होगा कि हार की बड़ी ज़िम्मेदारी संगठन की ही है। इसलिए माननीय…— Pandit Sunil Bharala (@sunilbharala) July 17, 2024
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पार्टी और संगठन के बारे में सोचे
बीजेपी के वरिष्ठ नेता यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में ऐसी परिपाटी रही है जहां तत्कालीन अध्यक्ष कलराज मिश्र, विनय कटिहार ने इस्तीफे दिए थे। संगठन का असली कार्यकर्ता वही है जो अपनी गद्दी से पहले संगठन और पार्टी के बारे में सोचे। बता दें कि बीजेपी में लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही सिर फुटव्वल जारी है। वहीं पार्टी की आंतरिक राजनीति पर कृपाशंकर सिंह ने कहा कि हार की जिम्मेदारी समुहिक होती है। लोकसभा में मिली हार का ठीकरा पार्टी के वरिष्ठ नेता दूसरों पर फोड़ना बंद करें।
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कृपाशंकर सिंह ने किया बचाव
योगी के मंत्री ने आगे कहा कि यहां कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है। महोत्सव के दौरान शासन और प्रशासन खड़ा रहता है। बीजेपी के मंडल अध्यक्षों के आयोजन में बाधा उत्पन्न की जाती है तो ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अधिकारियों को निर्देशित करें और अधिकारी हमारी सुनें।
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