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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Video: बीमा कंपनी को चूना लगाने चले थे दो व्यापारी, लाश की जगह चिता पर रखा पुतला; ऐसे खुली पोल

हापुड़ में प्लास्टिक के पुतले को मुर्दा बनाकर दिल्ली के दो कारोबारी हापुड़ के ब्रजघाट पर पहुंचे, बृजघाट के कर्मचारियों ने जब कफन का कपड़ा खोला तो उसके अंदर पुतला निकला, जिसे देखकर दोनों कारोबारी भाग खड़े हुए. दोनों कारोबारियों को आसपास खड़े लोगों ने दौड़ कर पकड़ा फिर पुलिस को कॉल किया गया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़कर लाई जिनसे पूछताछ की जा रही है. पढ़ें हापुड़ से मो. शाहिद की रिपोर्ट.

Author Written By: Versha Singh Author Published By : Versha Singh Updated: Nov 27, 2025 22:01

उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दिल्ली के दो कपड़ा व्यापारी हापुड़ में प्लास्टिक के पुतले को मुर्दा बनाकर हापुड़ के ब्रजघाट पर पहुंचे थे, बृजघाट के कर्मचारियों ने जब कफन का कपड़ा खोला तो उसके अंदर पुतला निकला, जिसे देखकर दोनों कारोबारी भाग खड़े हुए. दोनों कारोबारियों को आस-पास खड़े लोगों ने दौड़ कर पकड़ा फिर पुलिस को कॉल किया गया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़ा. घटना के बाद पुलिस ने दोनों से पूछताछ की.

कड़ाई से हुई पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों ने बताया कि उन्होंने नौकर के नाम 50 लाख का बीमा कराया था. अब पुतले का अंतिम संस्कार करके उन्हें यहां से श्मशान घाट की रसीद मिल जाती. इस आधार पर वो मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाते और क्लेम करके बीमे के 50 लाख रुपए पा जाते. दिल्ली के कपड़ा व्यापारी कमल सोमानी और आशीष खुराना अब गिरफ्तार हैं.

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पूछताछ में कमल ने बताया कि दिल्ली के करोल बाग में उसकी कपड़े की दुकान है. उसके ऊपर करीब 50-55 लाख रुपये का कर्जा हो गया है. दुकान लगातार घाटे में चल रही थी और ब्याज बढ़ता जा रहा था. जिसके चलते वह डिप्रेशन में था. कर्ज चुकाने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था. उसकी दुकान पर अंशुल कुमार पिछले कई सालों से सेल्समैन का काम करता था. करीब एक साल पहले उसने अंशुल से कुछ जरूरी काम के बहाने उसका आधार कार्ड, पैन कार्ड, फोटो और हस्ताक्षर ले लिए. इन दस्तावेजों के आधार पर उसने टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में अंशुल कुमार के नाम से 50 लाख रुपये की जीवन बीमा पाॅलिसी ले ली.

इसके बाद सभी प्रीमियम (किस्त) वह स्वयं ही भरता रहा ताकि पालिसी एक्टिव रहे. 21 व 22 नवंबर उसने अपने साथियों को बताया कि अंशुल की तबीयत खराब है. जिसके चलते उसे दिल्ली के हाॅस्पिटल में भर्ती दिखाया गया. 26 नवंबर की रात उसने यह अफवाह फैलाई कि अंसारी हाॅस्पिटल ने अंशुल को मृत घोषित कर दिया है. अस्पताल स्टाफ ने सीलबंद ताबूत देकर कमल और आशीष को सौंप दिया.

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सीओ स्तुति सिंह ने बताया पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति द्वारा शव का अंतिम संस्कार ना करते हुए डमी का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. पुलिस पूछताछ में बताया कमल सोमानी के ऊपर 50 लाख का कर्जा था. उसी कर्जे से मुक्ती पाने के लिए उन्होंने अपनी दुकान पर काम करने वाले अंशुल कुमार को बिना बताए एक साल पहले 50 लाख का इंश्योरेंस कराया था. मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आज डमी का अंतिम संस्कार करने के लिए ब्रजघाट आए थे. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.

First published on: Nov 27, 2025 09:59 PM

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