Why Triveni Sangam Nose River Crowded: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को अलसुबह करीब 2 बजे त्रिवेणी संगम नोज पर भगदड़ मच गई थी। हादसे में 30 लोग मारे गए और करीब 60 लोग गंभीर घायल हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए 3 सदस्यों वाला न्यायिक आयोग गठित कर दिया है। हादसे के लिए लोगों की जल्दबाजी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
मौनी अमावस्या पर स्नान करने के लिए लोग त्रिवेणी संगम नोज पर सोए थे। भीड़ बढ़ने से बैरिकेडिंग टूट गई और लोग क्रॉस करके संगम की ओर दौड़ने लगे। इस दौरान सो रहे लोग उनके पैरों तले कुचले गए। हादसे के बाद प्रयागराज की पवित्र धरती पर गंगा किनारे जो खौफनाक मंजर देखने को मिला, उसने देशवासियों का दिल दहला दिया, लेकिन यहां बड़ा सवाल यह है कि आखिर संगम नोज पर ही भीड़ क्यों है?
ये महाकुंभ ऐतिहासिक है.
---विज्ञापन---महाकुंभ की भगदड़ ऐतिहासिक है.
भगदड़ में हुई मौतों पर बोला गया झूठ ऐतिहासिक है.
देश की भोली-भाली जनता को जिस तरह धरम-करम के नाम पर फुसलाया गया और बुलाकर भगदड़ में मरने के लिए छोड़ दिया गया वो भी ऐतिहासिक है.#MahaKumbh2025 #MahakumbhStampede pic.twitter.com/NFP5xEexnK
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) January 30, 2025
संगम नोज पर होता है तीनों नदियों का मिलन
महाकुंभ परिसर में 25 सेक्टर में 41 घाट बने हैं। सेक्टर-2, 3, 20, 21, 22, 23, 24, 25 के घाट संगम क्षेत्र में हैं। यहां से त्रिवेणी का जल प्रवाहित होकर आगे बहता है, इसलिए सब लोग संगम घाट पर ही स्नान करना चाहते थे। संगम नोज वास्तव में त्रिकोण आकार में बनी जगह है, जो नाक की तरह दिखती है। यह एरिया उत्तर में गंगा नदी और दक्षिण में यमुना नदी के बीच में है।
इस जगह के पास गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां आपस में मिलती है, जिसे त्रिवेणी संगम नाम दिया गया है। यही घाट हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र स्थल है। हिंदू श्रद्धालु मानते हैं कि त्रिवेणी संगम में ही डुबकी लगाने से पाप धुलते हैं। जन्म-पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है। 144 साल बाद महाकुंभ लगता है तो लोग त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का मौका नहीं छोड़ना चाहते। हालांकि इस घाट के अलावा गंगा-यमुना के किनारे कई घाट हैं, लेकिन लोगों को यहीं स्नान करना है।
#WATCH | Maha Kumbh Stampede | Prayagraj, Uttar Pradesh: Spiritual leader Swami Kailashanand Giri says, “Yesterday we saw that Yogi Adityanath was very emotional…I also spoke to him after a long time on the phone…I think only a Sanatani can have such feelings. And Yogi ji is… pic.twitter.com/lyhCRxt4VG
— ANI (@ANI) January 30, 2025
संगम नोज पर 2 लाख श्रद्धालु कर सकते स्नान
ज्योतिर्विद डॉ. संजीव शर्मा कहते हैं कि हिंदू धर्म में एक मान्यता है। माना जाता है कि त्रिवेणी संगम नोज पर स्नान करने से मोक्ष मिलता है। तीनों पवित्र नदियों का संगम होने के कारण ही यह जगह स्नान के लिए सबसे पसंदीदा जगह है। संगम नोज 4000 हेक्टेयर एरिया में लगे महाकुंभ मेले का एक हिस्सा है। संगम नोज के पास सेक्टर-1 और 2 में पुलिस चौकियां और खोया-पाया केंद्र बने हैं।
सेक्टर-3 और 4 संगम नोज के सबसे करीब हैं। महाकुंभ शुरू होने से पहले योगी सरकार ने संगम नोज का विस्तार किया। गंगा नदी पर बने शास्त्री ब्रिज और संगम नोज के बीच लगभग 26 हेक्टेयर जमीन और जोड़ दी। सिंचाई विभाग ने स्नान के लिए 1650 मीटर एरिया में रेत की बोरियां रख दीं ताकि अस्थायी घाट बनें और श्रद्धालु स्नान करें। संगम नोज पर इस बार 2 लाख श्रद्धालु एक साथ स्नान कर सकते हैं।