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स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा राष्ट्रीय महासचिव पद से दिया इस्तीफा, क्या रही वजह?

Swami Prasad Maurya Resigns : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश में सपा को बड़ा झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र दे दिया है।

Edited By : Deepak Pandey | Updated: Feb 13, 2024 18:42
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Swami Prasad Maurya
स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा राष्ट्रीय महासचिव पद से दिया इस्तीफा

Swami Prasad Maurya Resigns : उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से उनके नेता नाराज चल रहे हैं। सपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव समाजवादी पार्टी के पद से त्यागपत्र देने के संबंध में अखिलेश यादव को लंबा चौड़ा पत्र भी लिखा है और अपनी नाराजगी जताई है।

स्वामी प्रसाद मौर्या अपने बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। सपा ने उनके कई बयानों से किनारा कर लिया था। इसे लेकर वे काफी दिनों से नाराज चल रहे थे। इसकी वजह से स्वामी प्रसाद मौर्या ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, वे सपा में बन रहेंगे और बिना पद के ही पार्टी की सेवा करते रहेंगे।

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स्वामी प्रसाद मौर्या का पत्र

स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि जबसे मैं सपा में शामिल हुआ, तब से लगातार पार्टी का जनाधार बढ़ाने का काम किया। मैंने आदिवासियों, दलितों और पिछड़ों को सावधान कर वापस लाने का प्रसास किया तो पार्टी के कुछ छुटभैया और कुछ बड़े नेताओं ने ‘मौर्य का निजी बयान है’ कहकर इस धार को कुंठित करने की कोशिश की। इसके बाद भी मैंने अन्यथा में नहीं लिया। मैंने ढोंग-ढकोसला, पांखड पर हमला किया तो यही लोग फिर इसी प्रकार की बात कहते नजर आए।

मेरा बयान निजी कैसा हो सकता है : स्वामी प्रसाद मौर्या

स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि मुझे हैरानी तब हुई जब सपा के सीनियर नेताओं ने मौर्या का निजी बयान कहकर कार्यकर्ताओं के हौसले को तोड़ने का प्रयास किया। यह समझ में नहीं आ रहा है कि जब मैं पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव हूं तो मेरा बयान कैसा निजी हो सकता है, जबकि पार्टी में कुछ ऐसे राष्ट्रीय महासचिव और नेता भी हैं, जिनका हर बयान पार्टी का होता है।

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स्वामी प्रसाद मौर्या ने त्यागपत्र स्वीकार करने की अपील की

उन्होंने आगे कहा कि अगर राष्ट्रीय महासचिव पद में ही भेदभाव है तो ऐसे पद पर बने रहने का कोई औचित्व नहीं है, इसलिए मैंने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्यागपत्र देने का फैसला लिया है। साथ ही उन्होंने अखिलेश यादव से त्यागपत्र स्वीकार करने की अपील की है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं पद के बिना भी पार्टी को सशक्त बनाने के लिए तत्पर रहूंगा। अखिलेश यादव और पार्टी की ओर से दिए गए सम्मान का बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Written By

Deepak Pandey

First published on: Feb 13, 2024 06:05 PM

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