दिनेश पाठक, वरिष्ठ पत्रकार
Swami Prasad Maurya Political Future : उत्तर प्रदेश में एक और राजनीतिक दल ने एंट्री ले ली है। नाम है राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी। इस दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं स्वामी प्रसाद मौर्य। उन्होंने हाल ही में समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दिया है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। लोकदल, जनता दल के साथ भी रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी में भी वे मंत्री, विधायक, संगठन में भी लंबे समय तक रहे हैं। उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य भाजपा के टिकट पर बदायूं से सांसद हैं।
Former Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya launches ‘Rashtriya Shoshit Samaj Party’ in Delhi
“We will strengthen the INDI alliance to remove BJP. We will talk to their leaders. To make sure that BJP is defeated, I am ready to make all sacrifices if needed.” pic.twitter.com/3C9jkYnUXh
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) February 22, 2024
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले स्थापित इस दल का लक्ष्य भी अन्य की तरह देश, समाज और स्वजातीय लोगों की भलाई ही है। दलितों-पिछड़ों के हक-हुकूक की लड़ाई का इरादा लेकर यह नया-नया दल मैदान में आया है। लोकसभा चुनाव में उसकी भागीदारी क्या होगी, किस तरीके से वह खुद को पेश करेगा, यह आगे पता चलेगा लेकिन यह तय है कि स्वामी प्रसाद मौर्य, अनुप्रिया पटेल, ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद की ही कड़ी को आगे बढ़ाने वाले हैं। मतलब जातिगत राजनीति करने वाला एक और दल पब्लिक के बीच नमूदार है। इस दल का रूप-स्वरूप आदि आगे पता चलेगा, क्योंकि उम्र अभी कुछ भी नहीं है।
सपा के टिकट पर हारे थे 2022 का विधानसभा चुनाव
राजनीति में किसी भी दल के ताकत का पता एमपी, एमएलए की संख्या से ही पता चलता है। दल नया है, ऐसे में इस तरफ मामला फिलहाल शून्य ही है। क्योंकि अकेले बूते कुछ खास होने वाला नहीं है। हां, गठजोड़ के सहारे निश्चित ही एमपी-एमएलए-मंत्री पद हासिल किया जा सकता है। चूंकि, मौर्य समाजवादी पार्टी के टिकट पर साल 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। बाद में सपा ने उन्हें एमएलसी बनाकर विधान परिषद भेजा, पर उन्होंने न केवल पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है, बल्कि एमएलसी की सीट भी उन्होंने खाली कर दी है। अब वे फिलहाल स्वतंत्र है। जिससे चाहें गठबंधन करें या फिर स्वतंत्र भाव से चुनाव लड़ें। जीतें या हारें।
We will strengthen the INDIA alliance to remove BJP.
To make sure that BJP is defeated, I am ready to make all sacrifices if needed.
— Former Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya Ji pic.twitter.com/5I2XprMaKa
— Venisha G Kiba (@KibaVenisha) February 22, 2024
एनडीए का हिस्सा भी बन सकते हैं स्वामी प्रसाद मौर्य
असल में स्वामी प्रसाद मौर्य यह जानते हैं कि अकेले उनकी राह आसान नहीं है। वे भले ही जीतने की स्थिति में न हों लेकिन कई सीटें ऐसी हैं, जहां उनकी जाति के मतदाता बड़ी संख्या में हैं, तो वे हराने की भूमिका में जरूर खुद को देखते हैं। वे खुद को मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा समाज का नेता मानते हैं। यद्यपि, मौजूदा विधान सभा में इस समाज के 12 विधायक जीतकर आए हैं, इनमें से 11 भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीते हैं। 15 विधायक 2017 और 2012 में जीतकर आए थे। साल 2017 से इस समाज का वोट तेजी से भाजपा की ओर शिफ्ट हुआ है। इस बिरादरी को वोट करीब 15 लोकसभा सीटों पर निर्णायक भूमिका में है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, राज्यसभा जाने वाले अमर पाल मौर्य भी इसी समाज से आते हैं। ऐसे में तुरंत स्वामी प्रसाद मौर्य की क्या स्थिति बनती है, यह देखना रोचक होगा लेकिन कोई बड़ी बात नहीं कि वे भी एनडीए का हिस्सा हो जाएं।
BJP ने बेटी को टिकट दिया तो फिर कैसा होगा रुख
40-42 साल के इस खिलाड़ी ने राजनीतिक अखाड़े में अनेक युद्ध लड़े हैं। मौर्य को राजनीतिक दांव-पेच भी खूब आते हैं। जब वे समाजवादी पार्टी में रहकर राम, राम चरित मानस और अन्य हिन्दू देवी-देवताओं को लेकर टिप्पणियां कर रहे थे तो सवाल उठ रहा था कि क्या वो भाजपा की राह आसान कर रहे हैं। भाजपा के लिए वोट एकत्र कर रहे हैं। अब तो वे फ्री हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीति की समझ रखने वालों का मानना है कि मौर्य इस चुनाव में अपनी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में शायद ही उतरें लेकिन वे समाजवादी पार्टी और उसके नेता अखिलेश यादव की पीडीए को खारिज करते हुए दिखाई देंगे।
स्वामी प्रसाद मौर्या जी ने अपनी पार्टी बना ली है। आज उनकी इस पार्टी को दिल्ली में लॉन्च किया गया है। उनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी है।
स्वामी प्रसाद मौर्या की यह पार्टी लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बनाई गई है। अब इस पार्टी से किसे फ़ायदा होगा ये तो आप सबको पता ही… pic.twitter.com/pycZ5xlXrc
— Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) February 22, 2024
कोई बड़ी बात नहीं कि कुछ डमी कैंडिडेट उतारकर झूमकर प्रचार करें और यह बात किसी से छिपी नहीं है कि वे भाजपा को ही फायदा पहुंचाएंगे। संभव है कि चुनाव में वे हेलिकॉप्टर से प्रचार करते हुए देखे जाएं। जानकार यह भी दावा कर रहे हैं कि अगर भाजपा ने उनकी बेटी को टिकट दिया तो स्वामी प्रसाद मौर्य का रुख कुछ और होगा और नहीं दिया तो उनका रुख लोकसभा चुनाव में कुछ और होगा। बहरहाल, यह राजनीति है। यहां कुछ भी हो सकता है। कोई भी व्यक्ति या दल किसी से भी समझौता कर सकता है। देखना रोचक होगा कि स्वामी प्रसाद मौर्य किस रूप में सामने आते हैं?
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