मेरठ का सौरभ राजपूत हत्याकांड एक ऐसा मामला है, जिसने पूरे देश को चौंका दिया। 3 मार्च को हुई इस खौफनाक हत्या में सौरभ का शव नीले ड्रम में डालकर सीमेंट से भर दिया गया था। पुलिस ने इस जघन्य अपराध की जांच करते हुए 1400 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसमें सौरभ की पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल को मुख्य आरोपी बताया गया है। इस केस में पुलिस ने 16 गवाहों के बयान दर्ज किए हैं, जो इन दोनों के खिलाफ महत्वपूर्ण सबूत पेश करेंगे। अब यह मामला अदालत में है, जहां न्याय की उम्मीद है।
सौरभ राजपूत हत्याकांड में 1400 पन्नों की चार्जशीट
मेरठ के चर्चित सौरभ राजपूत हत्याकांड में पुलिस ने 1400 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में पेश की है। पुलिस का कहना है कि चार्जशीट में मृतक सौरभ की पत्नी मुस्कान और उसके प्रेमी साहिल के खिलाफ एक मजबूत केस तैयार किया गया है। इस मामले में पुलिस ने 16 गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं, जो मुस्कान और साहिल की भूमिका को अदालत में साबित करेंगे। पुलिस के मुताबिक इस केस में हर पहलू को गंभीरता से जांचा गया है और यह चार्जशीट 54 दिन की कड़ी मेहनत के बाद तैयार की गई है।
3 मार्च को हुई हत्या और शव की स्थिति
सौरभ राजपूत की हत्या 3 मार्च को हुई थी, जब उसका शव नीले ड्रम में डालकर सीमेंट से ढक दिया गया था। इस हत्याकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और पुलिस ने इस केस की तहकीकात करते हुए सभी सुरागों को जोड़ा। SP सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पुलिस ने मुस्कान और साहिल के खिलाफ स्पष्ट प्रमाण जुटाए हैं और इन दोनों को हत्या का आरोपी माना है। पुलिस की मेहनत ने इस जघन्य अपराध की सच्चाई को उजागर किया है।
मुस्कान और साहिल के खिलाफ जांच के अहम तथ्य
चार्जशीट में पुलिस ने साफ तौर पर कहा है कि मुस्कान और साहिल ने सौरभ की हत्या करने के लिए पहले उसे धोखे में रखा और फिर उसकी जान ली। जांच में यह भी सामने आया कि दोनों के बीच अवैध संबंध थे और मुस्कान अपने पति सौरभ से परेशान थी। पुलिस ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण गवाहों के बयान भी दर्ज किए हैं, जो इन दोनों की करतूतों को कोर्ट में साबित करेंगे। इन गवाहों के बयान के बाद यह मामला और भी मजबूत हो गया है।
चार्जशीट के बाद अब न्यायालय में सुनवाई
पुलिस का दावा है कि सौरभ राजपूत हत्याकांड की जांच पूरी निष्पक्षता से की गई है और इस केस में सभी सबूत एकत्रित किए गए हैं। सोमवार को यह चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई, जिससे यह मामला अब न्यायालय की प्रक्रिया में है। यह केस एक सबक है कि अपराधी चाहे जितने भी चालाक क्यों न हों, कानून के हाथ से बच नहीं सकते। अब इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ेगी और कोर्ट में आरोपियों की सजा तय की जाएगी।