यूपी के बाहुबली रहे मुख्तार अंसारी के बेटे को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बुधवार को कोर्ट ने निचली अदालत से अब्बास अंसारी की मिली सजा पर रोक लगा दी है। अब्बास को भड़काऊ भाषण में 2 साल की सजा मिली थी। अब्बास की पुनरीक्षण याचिका पर जज समीर जैन ने सजा रद्द करने का फैसला सुनाया। मामले में अब्बास की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र और अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और एजीए संजय सिंह ने बहस की थी।
मऊपुर में नहीं चुनाव
अब्बास अंसारी मऊपुर सदर सीट से विधायक थे। गत 1 जून को अब्बास की विधायकी चली गई थी। इसके बाद से चुनाव आयोग ने सीट से उपचुनाव होने की तैयारी शुरू कर दी थी। अब कोर्ट ने सजा रद्द कर दी है। इससे मऊपुर सीट पर चुनाव नहीं होगा। अब्बास को विधायक लौटाई जाएगी।
क्या था पूरा मामला?
3 मार्च 2022 को विधानसभा चुनाव में अब्बास अंसारी ने एक चुनावी रैली में अधिकारियों को देख लेने की धमकी दी थी। कहा था कि अधिकारियों का हिसाब-किताब करेंगे। इसके बाद 4 मार्च 2022 को सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्बास अंसारी, भाई उमर अंसारी समेत 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ भड़काई भाषण देने में पर मुकदमा दर्ज किया था। 31 मई 2025 को सीजेएम कोर्ट ने अब्बास को 2 साल की सजा और 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।
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किस पार्टी से हैं अब्बास?
अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक थे। साल 2022 के चुनाव में अंसारी ने सीट जीती थी। विधानसभा चुनाव के बाद अब्बास सपा में आ गए थे।
इस मामले में हुई थी सजा
मऊ की स्पेशल कोर्ट एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 189 (सार्वजनिक सेवक को चोट पहुंचाने की धमकी) में 2-2 साल की सजा सुनाई गई थी। धारा 506 में 1 साल और धारा 171-एफ में छह महीने कैद की सजा सुनाई थी।
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