Real Estate News: उत्तर प्रदेश के नोएडा समेत कई राज्यों में रियल एस्टेट के क्षेत्र में काम करने वाली दिग्गज कंपनी सुपरटेक अपनी बर्बादी के दिन झेल रही है। ईडी द्वारा सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा की गिरफ्तारी के बाद भी कंपनी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
अब गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों ने कंपनी पर अपने बकाया की सूची जारी की है। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपरटेक कंपनी के ऊपर गौतमबुद्ध नगर के तीनों विकास प्राधिकरणों द्वारा भूमि आवंटन के एवज में यूपी सरकार का 5,600 करोड़ रुपये का बकाया है।
इन प्राधिकरणों का इतना बकाया
बताया गया है कि सुपरटेक की मिक्स लैंड यूज परियोजना सुपरनोवा, जो देश की सबसे ऊंची इमारतों में से एक है, पर अकेले नोएडा प्राधिकरण का 1,966 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें मिलाकर सुपरटेक का नोएडा प्राधिकरण पर कुल बकाया लगभग 3,100 करोड़ रुपये, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण का 1,429 करोड़ रुपये और यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण का 1,100 करोड़ रुपया बकाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नोएडा में सुपरटेक की दो परियोजनाएं (सेक्टर-74 में सुपरटेक केपटाउन और सेक्टर-137 में इकोसिटी) नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में विचाराधीन हैं। केपटाउन पर प्राधिकरण का 704 करोड़ रुपया, जबकि इकोसिटी पर 124 करोड़ रुपये का बकाया है। इसके अलावा सेक्टर-96 में मिक्स लैंड यूज वाले सुपरनोवा ई-स्क्वायर पर 277 करोड़ रुपये का बकाया है।
ग्रेटर नोएडा के प्रोजेक्ट भी डिफॉल्टर
ग्रेटर नोएडा में कंपनी के पास चार आवासीय और एक वाणिज्यिक परियोजना हैं। इनमें सेक्टर-16बी में इकोविलेज 2 आवासीय परियोजना है, जो एनसीएलटी में है। इस पर भी 310 करोड़ रुपये का बकाया है। सुपरटेक के स्पोर्ट्स सिटी प्रोजेक्ट पर 637 करोड़ रुपये का बकाया है।
इन जगहों पर भी हैं सुपरटेक के प्रोजेक्ट
यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-17ए में अपकंट्री और सेक्टर-22डी में सुपरटेक टाउनशिप पर 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है। अपकंट्री एनसीएलटी में है। अधिकारियों ने बताया है कि कई नोटिस जारी करने के बावजूद भी बकाया जमा नहीं किया गया है। सुपरटेक के गौतमबुद्ध नगर के अलावा गाजियाबाद, गुड़गांव, मेरठ, मोरादाबाद, देहरादून, हरिद्वार, रुद्रपुर और बेंगलुरु में कई प्रोजेक्ट हैं।