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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

पतंजलि जैविक खेती से सुधर रही मिट्टी की गुणवत्ता, किसानों का भी सशक्तिकरण​, जानें कैसे

पतंजलि भारत में खेती के पैमानों में कई महत्वपूर्ण बदलाव ला रही है। जैविक और प्राकृतिक खेती के तरीकों को बढ़ावा देकर कंपनी किसानों की सहायता कर रही है। इस पहल से मिट्टी की सेहत भी सुधर रही है और किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 16, 2025 11:24

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की अधिकांश आबादी आज भी खेती पर निर्भर करती है। खेती के पैमानों में कई फायदेमंद बदलाव हुए हैं, जो किसानों द्वारा भी सहर्ष स्वीकार किए गए हैं। पतंजलि ने भी किसानों और खेती को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। हमारे देश में किसान अपने खेतों और मिट्टी से उतना ही प्रेम करते हैं, जितना कि अपने परिवार के सदस्यों से। मगर बदलती फार्मिंग क्वालिटी ने रसायनों का इस्तेमाल इतना बढ़ा दिया है कि हर कोई आधारित खेती को चुन रहा है। मगर इस प्रकार की खेती चुनौतियों से भरी होती है। ऐसी खेती महंगी होती है और अगर पुरानी पद्धति से खेती की जाए, तो मिट्टी की गुणवत्ता और फसलों की बिक्री पर भी असर पड़ता है। पतंजलि जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देकर न केवल मिट्टी की सेहत सुधार रही है बल्कि किसानों की जिंदगी में भी बदलाव कर रही है। अब किसान सिर्फ मेहनत ही नहीं कर रहे बल्कि खुशहाल भविष्य के लिए भी सशक्त हो रहे हैं।

पतंजलि की कृषि क्रांति

कंपनी ऑर्गेनिक और नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा दे रही है। इनके द्वारा कई तरीकों के बारे में किसानों को शिक्षा दी गई है। कंपनी किसानों की सहायता कर रही है, जिससे किसानों के खेतों की मिट्टी की क्वालिटी इंप्रूव हो रही है और किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है। पतंजलि का उद्देश्य किसानों की आमदनी को बढ़ाना और राष्ट्रीय का विकास खेती द्वारा करना है। पतंजलि का मिशन किसानों को सशक्त बनाते हुए पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देना भी है। इस पहल के माध्यम से खेती की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, जिससे किसान टिकाऊ तरीके अपना पा रहे हैं और बेहतर फसल पैदावार देख पा रहे हैं।

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जैविक खाद और फर्टिलाइजर का विकास

पतंजलि ने विभिन्न ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स का विकास किया है, जैसे पतंजलि जैविक खाद, जैविक सुभूमि, जैविक पोषक और धरती का चौकीदार। ये प्रोडक्ट्स मिट्टी के फिजिकल और केमिकल स्ट्रक्चर में सुधार करते हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसलों की गुणवत्ता भी सुधरती है। इनमें ह्यूमिक एसिड, समुद्री शैवाल, माइकोराइजा जैसे प्राकृतिक तत्व भी शामिल होते हैं, जो मिट्टी में पोषक तत्वों को बढ़ाते हैं और फसलों की इम्यूनिटी को भी इंक्रीज करते हैं।

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किसानों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता

पतंजलि की सफलता के पीछे एक महत्वपूर्ण कारक किसानों को दिया जाने वाला प्रशिक्षण है। कंपनी का किसान समृद्धि कार्यक्रम, किसानों को जैविक खेती के लाभ और तकनीकों के बारे में शिक्षण प्रदान करता है। इस कार्यक्रम के तहत किसानों को ऑर्गेनिक खेती के विभिन्न पहलुओं, जैसे फसल चक्र, हरी खाद, कम्पोस्ट आदि के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाती है। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि होती है और उनकी रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटती है, जिससे पर्यावरण पर भी पॉजिटिव इंपैक्ट पड़ता है।

पर्यावरण का विकास

ऑर्गेनिक फार्मिंग से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, वाटर सोर्स का प्रदूषण कम होता है और बायोडाइवर्सिटी में वृद्धि होती है। रासायनिक फर्टिलाइजर और कीटनाशकों के उपयोग में कमी आने से मिट्टी की क्वालिटी में सुधार होता है और फसलों की गुणवत्ता में भी विकास होता है। पतंजलि की इस पहल से न केवल कृषि क्षेत्र में सुधार हो रहा है बल्कि किसानों की लाइफस्टाइल में भी सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। जैविक खेती के माध्यम से किसान न केवल अपनी आय बढ़ा रहे हैं, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी योगदान कर रहे हैं।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Apr 16, 2025 11:24 AM

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