Noida News: नोएडा के सेक्टर-123 में प्रस्तावित स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स परियोजना को लेकर नोएडा प्राधिकरण एक बार फिर असमंजस की स्थिति में है. निर्माण लागत वहन के मॉडल को लेकर स्पष्टता न होने के कारण इस परियोजना पर निर्णय टलता जा रहा है. जुलाई 2025 में जहां प्राधिकरण ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल की बजाय स्व-वित्त पोषण से निर्माण कराने का फैसला लिया था, वहीं अब एक बार फिर से पीपीपी मॉडल को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है. स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स का निर्माण 26 एकड़ जमीन पर होगा.
प्राधिकरण नहीं चाहता निर्माण में अपनी धनराशि लगाना
प्राधिकरण की कोशिश है कि निर्माण कार्य में उसकी धनराशि न लगे और निजी क्षेत्र की भागीदारी से ही कॉम्पलेक्स तैयार कराया जाए. इससे प्राधिकरण पर वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और परियोजना भी समय से पूरी हो सकेगी. पहले भी पीपीपी मॉडल के तहत कुछ एजेंसियों से बातचीत हुई थी, लेकिन शर्तों को लेकर सहमति नहीं बन सकी थी.
2024 में बना था प्रस्ताव
स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का प्रस्ताव 2024 में तैयार किया गया था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि इसमें ऐसी खेल सुविधाएं शामिल की जाएंगी, जो नोएडा के सेक्टर-21ए स्टेडियम, इंडोर स्टेडियम और सर्फाबाद मिनी स्टेडियम में नहीं हैं.
यह सुविधाएं होंगी मौजूद
सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक, जेवलिन थ्रो ग्राउंड, ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल, फुटबॉल ग्राउंड और दर्शकों के लिए स्टैंड, मल्टीपर्पज हॉल
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