Greater Noida News: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने शुक्रवार को इतिहास रच दिया है.एयरपोर्ट पर पहली बार कैलिब्रेशन फ्लाइट सफलतापूर्वक उतरी, जिससे प्रदेश के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को उड़ान मिली है. यह विशेष फ्लाइट एयरपोर्ट के नेविगेशन, रनवे और तकनीकी उपकरणों की सटीकता जांचने के लिए संचालित की गई. यह प्रक्रिया एयरपोर्ट संचालन शुरू होने से पहले की अंतिम तकनीकी जांच मानी जाती है.
तकनीकी निरीक्षण के बाद उड़ानें होंगी शुरू
एयरपोर्ट पर कैलिब्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय की टीम अंतिम निरीक्षण करेगी. उसके बाद एयरपोर्ट को कमर्शियल उड़ानों के लिए हरी झंडी मिलने की उम्मीद है. इस मौके पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) किरण जैन, यमुना प्राधिकरण के ओएसडी और नोडल अधिकारी शैलेंद्र भाटिया, एयरपोर्ट प्रबंधन टीम मौजूद रही.
क्या है कैलिब्रेशन फ्लाइट ?
कैलिब्रेशन फ्लाइट एक विशेष परीक्षण उड़ान होती है, जिसका मकसद यह सुनिश्चित करना होता है कि एयरपोर्ट के सभी नेविगेशन, रडार और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम पूरी तरह सटीक, स्थिर और सुरक्षित ढंग से काम कर रहे हैं या नहीं. यह प्रक्रिया किसी भी नए एयरपोर्ट या रनवे को संचालन के लिए अंतिम मंजूरी दिलाने से पहले की सबसे अहम तकनीकी जांच मानी जाती है.
कैसे होती है जांच प्रक्रिया
इस उड़ान के दौरान विशेष रूप से कैलिब्रेशन विमान अलग-अलग ऊंचाइयों और कोणों पर उड़ान भरता है. उड़ान के दौरान यह विमान ग्राउंड सिस्टम से प्राप्त सिग्नल की ताकत, स्थिरता और सटीकता को परखता है. इस पूरी प्रक्रिया में फ्लाइट इंस्पेक्टर, तकनीकी इंजीनियर और एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) विशेषज्ञ शामिल रहते हैं, जो हर पैरामीटर की गहन निगरानी करते हैं.
एयरपोर्ट बनेगा विकास का इंजन
जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत औद्योगिक विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है. जेवर स्थित नोएडा एयरपोर्ट इस परिवर्तन का प्रतीक है. यह हवाई अड्डा उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा.
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