Noida News: नोएडा के सेक्टर-62 के पते पर कागजों में फर्म खोलकर सरकार को करीब पौने दो करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का मामला सामने आया है. आरोपी फर्म ने फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गलत दावा किया. राज्य कर विभाग की जांच में मामला उजागर होने के बाद सेक्टर-58 थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है.
ऑनलाइन जांच में हुआ खुलासा
राज्य कर अधिकारी मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि वह नियमित कार्य के दौरान जीएसटी पोर्टल पर अभिलेखों की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा में पता चला कि मेसर्स केएस इंटरप्राइजेज नाम की फर्म ने 29 जुलाई 2024 को जीएसटी नंबर प्राप्त किया था. फर्म स्वामी के रूप में किरण सर्यकांत कांबले का नाम दर्ज था, जबकि पते में सेक्टर-62 नोएडा और बैंक खाते में दिल्ली के नजफगढ़ स्थित यस बैंक शाखा का उल्लेख किया गया था.
फर्जी लेन-देन से किया आईटीसी का गलत दावा
जांच में सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में फर्म ने 9.67 करोड़ की बिक्री (आउटवर्ड सप्लाई) घोषित की थी. इसके बदले में 1.74 करोड़ का कर देय बताया गया, लेकिन पूरा टैक्स फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से समायोजित कर लिया गया. राज्य कर अधिकारी के मुताबिक फर्म ने किसी वास्तविक खरीदारी के बिना फर्जी आईटीसी का दावा किया. अलग-अलग फर्मों को सिर्फ कागजों में सप्लाई दिखाते हुए कर चोरी की गई. इस तरह आरोपी फर्म ने सरकार को 1,74,11,987 रुपये के राजस्व की क्षति पहुंचाई.
जांच में नहीं मिला फर्म का अस्तित्व
राज्य कर अधिकारी द्वारा 3 जनवरी 2025 को फर्म की गोपनीय जांच की गई. जब अधिकारी मौके पर पहुंचे तो वहां कोई फर्म नहीं मिली. आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर भी किसी को कंपनी या स्वामी के बारे में जानकारी नहीं थी. फर्म मालिक का मोबाइल नंबर भी बंद मिला.
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की
एसीपी स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि राज्य कर अधिकारी की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. फर्जी फर्म के नेटवर्क और उससे जुड़े लोगों की पहचान की जाएगी.
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