Greater Noida News: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्षेत्र में पर्यावरण और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए यमुना प्राधिकरण काम कर रहा है. यमुना प्राधिकरण द्वारा 10 हेक्टेयर क्षेत्र में स्थायी पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. यह केंद्र फरवरी 2026 तक पूरा हो जाएगा. इस पर कुल 3.41 करोड़ खर्च किए जाएंगे. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एयरपोर्ट के आस-पास 10 किलोमीटर के दायरे में 258 काले हिरण और 176 सारस मौजूद है.
सेक्टर 17 में बन रहा केंद्र
प्राधिकरण के द्वारा यह केंद्र यमुना सिटी के सेक्टर-17 में राजपुर गांव के पास स्थापित किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य जुलाई 2025 में शुरू हुआ था. अब इसे अगले 5 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. काम पूरा होने के बाद वन्य जीवों के लिए जीवनी जैसा काम करेगा.
केंद्र में होंगी आधुनिक सुविधाएं
यह पशु बचाव केंद्र कुल 10 हेक्टेयर भूमि में विकसित किया जा रहा है. 5 हेक्टेयर जमीन यमुना प्राधिकरण की है, जिस पर पक्का निर्माण किया जा रहा है. शेष 5 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है, जिसे ग्रीन जोन के रूप में संरक्षित रखा जाएगा.
प्रमुख सुविधाएं होंगी
वन्य जीवों के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर, शेड, बाड़े और क्वारंटीन जोन, डॉक्टरों की टीम और अन्य जरूरी इंतजाम यहां पर मौजूद होंगे. वन विभाग की भूमि पर प्राकृतिक वातावरण के अनुसार बाड़े और घास क्षेत्र बनाए जाएंगे.
काले हिरण और सारस के लिए विशेष ध्यान
बता दें कि वन्य जीव संस्थान, देहरादून द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया कि नोएडा एयरपोर्ट क्षेत्र में लगभग 258 काले हिरण और 176 सारस मौजूद हैं. एयरपोर्ट के निर्माण से इनके जीवन पर असर पड़ने की आशंका है. इसी के मद्देनजर यह बचाव केंद्र स्थापित किया जा रहा है ताकि इन प्रजातियों को संरक्षण, चिकित्सा और पुनर्वास की बेहतर सुविधाएं मिल सकें.
वन विभाग की जगह अब यीडा कर रहा है निर्माण
पहले यह जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई थी, जिसने इसका बजट लगभग 8 करोड़ तय किया था, लेकिन अब यमुना प्राधिकरण (यीडा) ने यह कार्य 3.41 करोड़ की लागत में अपने स्तर पर शुरू किया है. निर्माण का काम शर्तों के आधार पर चयनित कंपनी से कराया जा रहा है, ताकि समय पर क्वालिटी विकास सुनिश्चित किया जा सके.
क्या बोले ओएसडी ?
यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण कार्य फरवरी तक पूरा हो जाएगा. इसका उद्देश्य क्षेत्र के वन्य जीवों को आधुनिक सुविधाएं देकर सुरक्षित स्थान प्रदान करना है.
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