Noida News: नोएडा शहर की हवा लगातार जहर घोल रही है. खुले में उड़ती धूल और खुदी पड़ी सड़कों से नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को 300 पार पहुंच गया. यह स्तर ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है. इस स्थिति ने नोएडा को दिल्ली-एनसीआर का सबसे प्रदूषित शहर बना दिया है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की कार्रवाई
प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई तेज की है. बोर्ड ने बिजली निगम पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश करते हुए नोएडा प्राधिकरण को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं.
उड़ती मिट्टी बनी प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह
यूपीपीसीबी की टीम ने सेक्टर-122, 117, 115 और 75 का निरीक्षण किया. जांच में पाया गया कि बिजली विभाग द्वारा सड़कों पर केबल बिछाने का कार्य चल रहा है, लेकिन खुदाई के बाद मिट्टी को ढकने या समतल करने के निर्देशों का पालन नहीं किया गया.
ग्रेप-2 के नियमों का मिला उल्लंघन
खुले में फैली मिट्टी और निर्माण स्थल की धूल ने हवा को और अधिक प्रदूषित कर दिया. निरीक्षण के दौरान टीम को ग्रेप-2 के नियमों का उल्लंघन भी मिला. इस पर प्रदूषण बोर्ड ने प्राधिकरण को पत्र लिखकर बिजली विभाग पर जुर्माना और नोटिस जारी करने की कार्रवाई करने की संस्तुति की है.
सफाई और छिड़काव शुरू
बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नोएडा प्राधिकरण का उद्यान विभाग सक्रिय हो गया है. विभाग ने सड़कों पर लगे पेड़ों और पौधों की धुलाई शुरू कर दी है. उद्यान निदेशक आनंद मोहन ने बताया कि शहर में रोजाना 300 टैंकरों से दो हजार से अधिक पेड़ों और सेंट्रल वर्ज पर पानी का छिड़काव कराया जा रहा है, ताकि धूल का स्तर कम किया जा सके.









