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जोशीमठ के लिए बुरी खबर, अब नहीं बनेंगे नए मकान! रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा- खतरा अभी भी है

Construction Ban In Joshimath Area: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन और जमीन के धंसाव के बाद फिर से एक बड़ी खबर सामने आई है। 35 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट ने आगामी मानसून के अंत तक पूरे जोशीमठ में नए निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। 35 सदस्यीय टीम में […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 28, 2023 21:05
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Construction Ban In Joshimath Area: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन और जमीन के धंसाव के बाद फिर से एक बड़ी खबर सामने आई है। 35 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट ने आगामी मानसून के अंत तक पूरे जोशीमठ में नए निर्माण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। 35 सदस्यीय टीम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान और अन्य एजेंसियों के पेशेवर शामिल थे।

इनको दी जा सकती है छूट

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, टीम ने नुकसान का आकलन करने, प्रभावित क्षेत्रों की दीर्घकालिक रिकवरी और पुनर्निर्माण के लिए आवश्यक सहायता की जांच करने के लिए 22 अप्रैल से 25 अप्रैल तक आपदा के बाद की जरूरतों का आकलन किया। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि मानसून के बाद जमीनी स्थितियों के पुनर्मूल्यांकन के बाद तुलनात्मक रूप से सुरक्षित क्षेत्रों में प्रीफैब हल्के ढांचे के साथ नए निर्माण पर कुछ छूट के बारे में सोचा जा सकता है।

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सिर्फ इनके निर्माण को मिली इजाजत

हालांकि, पुरानी इमारतों की रेट्रोफिटिंग की अनुमति दी जा सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल महत्वपूर्ण आपातकालीन सेवाओं (पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, अस्पताल, स्कूल भवन, आदि) के लिए प्रीफैब हल्के ढांचे वाले एक मंजिला सार्वजनिक भवनों की अनुमति दी जा सकती है। क्षेत्र में अत्यधिक क्षतिग्रस्त इमारतों को सुरक्षित रूप से ध्वस्त किया जाना चाहिए। उपयुक्त स्थलों पर डंपिंग के उचित प्रावधान के साथ क्षेत्र से हटा दिया जाना चाहिए।

रिपोर्ट में की गई हैं ये सिफारिशें

रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि अवैध रूप से अतिक्रमण की गई इमारतों और जिनके पास वैध भूमि-स्वामित्व दस्तावेज नहीं है, उन्हें कोई वित्तीय सहायता प्रदान नहीं की जाएगी। पहली और सबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई जोशीमठ के लोगों को शहर के असुरक्षित क्षेत्रों के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचित करना होगा। जहां कोई नई इमारत का निर्माण नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लोगों को स्पष्ट रूप से बताएं, तीनों पुनर्वास स्थल सुरक्षित क्यों हैं और लोगों को क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी?

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Written By

Naresh Chaudhary

First published on: Sep 28, 2023 09:05 PM

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