Keshav Prasad Maurya On Decision of Nithari Case: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार निठारी हत्याकांड मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा है कि यूपी सरकार कानूनी विकल्पों की तलाश रही है और जरूरत पड़ने पर निठारी मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
शुक्रवार को, गौतमबुद्धनगर में पत्रकारों से बात करते हुए मौर्य ने कहा, “सरकारी स्तर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले की समीक्षा की जा रही है और अगर जरूरत पड़ी तो हम सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।”
हाई कोर्ट ने आरोपियों को किया बरी
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को निठारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली और उसके पूर्व नियोक्ता मोनिंदर सिंह पंढेर की मौत की सजा को रद्द करते हुए बरी कर दिया था। उच्च न्यायालय ने ये कहते हुए आरोपियों की सजा को रद्द कर दिया कि अभियोजन पक्ष उनका अपराध साबित करने में विफल रहा। कोली को 12 मामलों में बरी कर दिया गया, वहीं पंढेर को दो मामलों में बरी किया गया।
अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा
सुरेंद्र कोली और उसके पूर्व नियोक्ता मोनिंदर सिंह पंढेर को बलात्कार, हत्या, सबूतों को नष्ट करने और अन्य आरोपों से संबंधित मामलों में गाजियाबाद की एक सीबीआई अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।
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विकास कार्यों की निगरानी किया
गौतमबुद्धनगर पहुंचे केशव मौर्य ने विभिन्न विभागों के कार्यों की निगरानी भी किया है। उन्होंने इस दौरान यमुना बाढ़ क्षेत्र पर अवैध निर्माणों के बारे में भी बात की और कहा, “मैंने अधिकारियों को (बाढ़ क्षेत्र पर) निर्माणों का गहन सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। सर्वे के दौरान जो भी अधिकारी और बिल्डर दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।’
मौर्य ने अधिकारियों को चेताया
डिप्टी सीएम ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को नोएडा, ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA), यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) प्राधिकरणों के अधिकारियों के साथ समन्वय करने और जिले में सड़कों की मरम्मत के लिए कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मौर्य ने बिजली विभाग को निर्देश दिया कि बिल भुगतान पर किसानों के ट्यूबवेल कनेक्शन नहीं काटे जाएं। बिजली बिल की गणना ट्यूबवेलों पर लगे मीटरों से की जाएगी और सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा। अगर विभाग किसानों को परेशान करता है तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।