Noida News: दिल्ली एनसीआर में दीपावाली के बाद प्रदूषण का स्तर ऐसा चढ़ा है कि दिल्ली-एनसीआर के शहरों में सांस लेना भी खतरे से खाली नहीं. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ताजा आंकड़े चौंकाने वाले हैं. गाजियाबाद, नोएडा, हापुड़, गुरुग्राम और बहादुरगढ़ जैसे शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बहुत खराब से लेकर गंभीर श्रेणी तक पहुंच गया है.
यूपी में गाजियाबाद की हवा सबसे ज्यादा खराब
गाजियाबाद का एक्यूआई 324 दर्ज किया गया है, जो सीधे तौर पर ‘बहुत खराब’ स्थिति दर्शाता है. नोएडा 320 और हापुड़ 314 पर दर्ज किए गए हैं. हरियाणा के नारनौल की स्थिति और भी चिंताजनक है यहां एक्यूआई 390 पहुंच गया है. यह गंभीर श्रेणी को पार कर चुका है. वहीं गुरुग्राम (370) रोहतक (376) और बहादुरगढ़ (368) भी इस सूची में शामिल हैं.
दिल्ली के आरके पुरम में हवा खराब
दिल्ली में आरके पुरम क्षेत्र का एक्यूआई 380 रहा, जिससे यह साफ है कि राजधानी एक बार फिर स्मॉग के घेरे में आ चुकी है. मौसम विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञ मानते हैं कि पटाखों के धुएं, पराली जलाने और ठंडी हवाओं के रुकने की वजह से यह स्थिति और बिगड़ रही है.
स्वास्थ्य पर असर
वायु गुणवत्ता के इस गिरते स्तर का सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह हालात जानलेवा साबित हो सकते हैं. डॉक्टरों की सलाह है कि इस मौसम में सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें और एन-95 मास्क का प्रयोग करें.
क्या है रास्ता ?
सरकारी स्तर पर कई योजनाएं और नियम बनाए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इनका प्रभाव सीमित है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक स्थायी समाधान जैसे कि पराली प्रबंधन, प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर रोक और निर्माण कार्यों में सख्ती नहीं किया जाता, तब तक यह संकट हर साल यूं ही रहेगा.
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