उत्तर प्रदेश की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आई है। माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी नियमों के मुताबिक स्वतः समाप्त मानी जाएगी। अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से विधायक बने थे। मऊ की एमपी एमएलए कोर्ट ने शनिवार को हेट स्पीच मामले में अब्बास अंसारी को दो साल की सजा और दो हजार रुपयों का जुर्माना लगाया। हालांकि, थोड़ी देर बाद ही अब्बास अंसारी की ओर से जमानत की डिमांड की गई तो कोर्ट ने अब्बास अंसारी को 20-20 हजार रुपयों के दो निजी मुचलकों पर अब्बास अंसारी को जमानत दे दी, जिससे उसे अब जेल नहीं जाना होगा।
अब समझिये क्या है मामला?
दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान अब्बास अंसारी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो अधिकारियों का ट्रांसफर नहीं होगा। पहले हिसाब किताब होगा। इसे अब्बास की धमकी के तौर पर माना गया। इस मामले में तत्कालीन दरोगा गंगाराम बिंद ने अब्बास अंसारी समेत कुल 3 नामजद और 150 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और इसे हेट स्पीच माना गया। उसी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई।
यह भी पढ़ें : कासगंज जेल से बाहर आए मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी, 7 मार्च को SC से मिली थी जमानत
क्या कहते हैं सरकारी और अब्बास अंसारी के वकील?
इस मामले में अब्बास अंसारी के वकील दरोगा सिंह ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने धारा बढ़ाई है। सिर्फ पुलिस कर्मी ही गवाह है, किसी सामान्य व्यक्ति की गवाही नहीं है। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई है और दो हजार का जुर्माना लगाया है। लेकिन, विधायकी पर खतरे को लेकर वकील दरोगा सिंह ने कहा कि ये कोई अंतिम कोर्ट नहीं है, हम इसके खिलाफ ऊपरी अदालत जाएंगे स्टे लाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर स्टे नहीं मिला तो अब्बास अंसारी की विधायकी जा सकती है। वहीं, सरकारी वकील हरेंद्र सिंह का कहना है कि ये मामला 3 मार्च 2022 का है, लेकिन मुकदमा उसके अगले दिन यानी 4 मार्च 2022 को दर्ज कराया गया था। अब्बास अंसारी दोषी पाए गए हैं और जुर्माना भी लगाया गया है।
क्या कहते हैं जानकार?
अब्बास अंसारी की विधायकी को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सजा मिलते ही विधायकी स्वतः समाप्त हो गई है, अब वो कोर्ट जाएं या क्या करें, लेकिन आज की तिथि से ही विधायकी समाप्त मानी जाती है। वहीं, राजनीतिक जानकार विजय उपाध्याय कहते हैं कि अब्बास अंसारी का कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले आजम खान और बीजेपी विधायक विक्रम सैनी को भी अलग-अलग मामलों में सजा हुई थी, उनकी भी विधानसभा या लोकसभा सदस्यता स्वतः समाप्त हुई थी, इसलिए अब्बास अंसारी अब विधायक नहीं हैं। हालांकि, अगर सुप्रीम कोर्ट से एक समय सीमा के भीतर स्टे मिलता है तो विधायकी बच जाएगी।
यह भी पढ़ें : Watch Video: किस गुनाह में जेल गई थी मुख्तार की बहू निखत? 188 दिन बाद आई बाहर तो छलके आंसू