Mukhtar Ansari Aides Flats Attached: मनोज पांडेय, लखनऊ: माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। बुधवार को मुख्तार अंसारी के करीबी गुर्गों की संपत्ति कुर्क की गई। दोनों गुर्गों भाई राजन सिंह और उमेश सिंह की संपत्ति पुलिस ने कुर्क की है। मऊ और गोमतीनगर विस्तार पुलिस ने ये कार्रवाई की।
पुलिस टीम ने उमेश सिंह और राजेश कुमार सिंह के रिवर व्यू बेतवा अपार्टमेंट और एमआई रस्टल कोर्ट अपार्टमेंट, गोमती नगर विस्तार में उनके फ्लैटों को कुर्क कर लिया। जानकारी के अनुसार, गोमतीनगर विस्तार के एमआई रसल कोर्ट में 4th फ्लोर पर स्थित 403 नंबर फ्लैट पर ये कार्रवाई की गई। बताया जाता है कि फ्लैट की कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा की है। गोमती नगर विस्तार के प्रभारी निरीक्षक सुधीर अवस्थी ने कहा- संपत्ति की कुर्की के संबंध में फ्लैटों पर नोटिस चिपकाए गए थे। साथ ही कानूनी कार्यवाही के बारे में सोसायटी में सार्वजनिक घोषणा की गई थी।
मऊ प्रशासन के आदेश पर कार्रवाई
इसके साथ ही बेतवा अपार्टमेंट में उमेश सिंह के फ्लैट को कुर्क किया गया। मऊ प्रशासन के आदेश पर ये कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई। बता दें कि 2010 में जनपद मऊ के चर्चित मन्ना सिंह हत्याकांड और इस हत्याकांड के गवाह की हत्या में मुख्तार के साथ दोनों भाई शामिल थे। माफिया मुख्तार अंसारी इस वक्त बांदा जेल में बंद है। गाजीपुर के करंडा थाने में साल 2010 में तत्कालीन इंस्पेक्टर की ओर से मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
ठेकेदार की हत्या का आरोप
दोनों अपराधियों पर आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं और वे मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी हैं। 2009 में ठेकेदार मन्ना सिंह और उसके साथी राजेश राय की बाइक सवार हमलावरों ने हत्या कर दी थी। इस मामले में मऊ के सदर विधायक मुख्तार अंसारी और उसके साथियों पर केस दर्ज किया गया था। हालांकि, हत्या में उनकी संलिप्तता साबित करने के लिए सबूतों की कमी के कारण निचली अदालत ने सितंबर 2017 में मामले में तीनों को बरी कर दिया था, जबकि कथित तौर पर अपराध को अंजाम देने वाले अन्य शूटरों को दोषी ठहराया गया था।