उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद पुलिस महकमे में उस समय हड़कंप मच गया, जब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने एक मामले में लापरवाही बरतने पर थाना पाकबड़ा के इंस्पेक्टर इंचार्ज समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया। एसएसपी की इस कार्रवाई को कानून-व्यवस्था और जनहित में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
28 अगस्त को मुरादाबाद की एक महिला एसएसपी कार्यालय पहुंची और प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की। महिला ने बताया कि उसका बेटा सावन मास में जल लेने गया था। इस दौरान उसका एक्सीडेंट हो गया। इस दुर्घटना की सूचना पर डिडौली पुलिस ने युवक को गंभीर हालत में मुरादाबाद के थाना पाकबड़ा के टीएमयू अस्पताल में भर्ती कराया। युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों के मुताबिक, थाना पाकबड़ा पुलिस ने मृतक की शिनाख्त और उसकी जानकारी देने में कोई ठोस प्रयास नहीं किए। इसके अलावा पुलिस ने सही ढंग से जांच नहीं की है।
महिला की शिकायत पर हुई कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुरादाबाद एसएसपी सतपाल अंतिल ने तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए थाना पाकबड़ा में तैनात 6 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। इनमें थाना प्रभारी से लेकर महिला तक शामिल हैं। वहीं, लाइन हाजिर किए गए पुलिसकर्मी में शामिल हैं- विनोद कुमार (प्रभारी निरीक्षक, थाना पाकबड़ा), सुरेन्द्र कुमार (वरिष्ठ उप निरीक्षक इजहार अली खां-उप निरीक्षक चौकी प्रभारी कस्बा), विशाल चौधरी (प्रशिक्षु उप निरीक्षक), अमित कुमार (प्रधान लिपिक,मुख्य आरक्षी),प्रिया- (महिला आरक्षी)।
एसएसपी सतपाल अंतिल की सख्त कार्रवाई से विभाग के अंदर हड़कंप मच गया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम अन्य थाना प्रभारियों और पुलिसकर्मियों के लिए भी कड़ा संदेश है कि अगर जनता से जुड़े संवेदनशील मामलों में लापरवाही बरती गई तो कार्रवाई तय है।
दुर्घटनाओं में पुलिस की लापरवाही
स्थानीय लोगों के मुताबिक, अक्सर दुर्घटनाओं और अन्य मामलों में पुलिस की लापरवाही देखने को मिलती है। इस बार परिजनों ने सीधे एसएसपी से शिकायत की, जिसके बाद तुरंत कदम उठाया गया। दरअसल, यह मामला सावन माह की कांवड़ यात्रा और जलाभिषेक से जुड़ा हुआ था। इस दौरान किसी भी कांवड़िए या श्रद्धालु के साथ होने वाली दुर्घटना और उसकी जानकारी पुलिस-प्रशासन के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
ऐसे में युवक की मौत के बाद सूचना देने में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई होना स्वाभाविक है। थाना पाकबड़ा पुलिस पर हुई इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनहित और अनुशासन को सबसे पहले मानते हैं। विभागीय लापरवाही को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं होगी।
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