उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता बहाल हो गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी किया। अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता खत्म कर दी गई थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब उनकी सदस्यता बहाल हो गई है और मऊ सदर सीट पर उपचुनाव की जरूरत नहीं है। अब्बास अंसारी पर 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था।
20 अगस्त को हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
अब्बास अंसारी की विधायकी पर इलाहाबाद ने गत 20 अगस्त को फैसला सुनाया था। कोर्ट ने निचली अदालत से अब्बास को मिली 2 साल की सजा पर रोक लगा दी थी। अब्बास की पुनरीक्षण याचिका पर जज समीर जैन ने सुनवाई की थी। केस में अब्बास की तरफ से अधिवक्ता डीएस मिश्र और अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और एजीए संजय सिंह ने बहस की थी।
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मऊपुर में उपचुनाव की थी तैयारी
ओपी राजभर की पार्टी से अब्बास अंसारी मऊपुर सदर सीट से विधायक थे। गत 1 जून को अब्बास की विधायकी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद से चुनाव आयोग ने मऊपुर सीट से उपचुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी थी। कोर्ट से सजा रद्द कर करने के बाद आयोग ने मऊपुर सीट पर उप चुनाव कराने की तैयारियां रद्द कर दीँ।
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क्यों रद्द हुई थी विधायकी?
यूपी के विधानसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द हुई थी। 3 मार्च 2022 को अंसारी ने एक चुनावी रैली में अधिकारियों को देख लेने की धमकी दी थी। अब्बास ने कहा था कि अधिकारियों का हिसाब-किताब करेंगे। मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस ने 4 मार्च 2022 को सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्बास अंसारी, भाई उमर अंसारी समेत 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ भड़काई भाषण देने में पर मुकदमा दर्ज किया था। इसी साल 31 मई को सीजेएम कोर्ट ने अब्बास को 2 साल की सजा और 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।