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रितेश पांडेय के इस्तीफे की सच्चाई मायावती ने बताई, कहा-BSP पार्टी ही नहीं, आंदोलन भी है

Mayawati Ritesh Pandey Resigns: बसपा सुप्रीमो मायावती ने रितेश पांडेय के इस्तीफा देने पर कहा कि क्या ऐसे लोकसभा सांसदों को टिकट देना संभव है, खासकर तब जब वे खुद अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं और निगेटिव चर्चा में हैं।

Edited By : Achyut Kumar | Updated: Feb 25, 2024 13:16
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बसपा सुप्रीमो मायावती।

Mayawati Reaction on Ritesh Pandey Resigns: अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडेय ने रविवार को बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी सुप्रीमो मायावती पर गंभीर आरोप लगाए। रितेश ने कहा कि मुझे पार्टी की बैठकों में नहीं बुलाया जा रहा था और न ही मेरी बात सुनी जा रही थी। अब इस पर मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने बताया कि रितेश ने पार्टी से इस्तीफा क्यों दिया।

‘बसपा आंदोलन है’

मायावती ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर किए गए अपने पोस्ट में कि बसपा राजनीतिक दल के साथ ही बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान के मिशन को समर्पित आंदोलन भी है। इस वजह से इस पार्टी की नीति और कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है। इसे ध्यान में रखकर ही बसपा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारती है।

‘सांसदों को टिकट के लिए कसौटी पर खरा उतरना होगा’

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हमारी पार्टी के सांसदों को हमारी नीतियों की कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही खुद को जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या उन्होंने अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व आंदोलन के हित में समय-समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया?

‘बसपा के लिए पार्टी का हित सर्वोपरि’

मायावती ने कहा कि ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों को टिकट दिया जाना क्या संभव है। खासकर तब, जब वे खुद अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं और निगेटिव चर्चा में हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा यह सबकुछ जानने के बावजूद पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है। बसपा के लिए पार्टी का हित सर्वोपरि है।

यह भी पढ़ें: रितेश पांडेय कौन हैं, जिन्होंने मायावती पर गंभीर आरोप लगाते हुए BSP से दिया इस्तीफा

रितेश पांडेय ने बसपा से क्यों दिया इस्तीफा?

इससे पहले, रितेश पांडेय ने मायावती को भेजे अपने पत्र में कहा कि उन्हें लंबे समय से पार्टी की बैठकों में नहीं बुलाया जा रहा है और न ही शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर कोई संवाद किया जा रहा है।  उन्होंने शीर्ष पदाधिकारियों से भी संपर्क करने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन कोई रिजल्ट नहीं निकला। ऐसे में वे इस निष्कर्ष पर पहुंचा हैं कि पार्टी को उनकी जरूरत नहीं है। इसलिए वे पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हैं।

यह भी पढ़ें: दलितों के मसीहा को भी मिले भारत रत्न… मायावती ने क्यों की यह मांग?

First published on: Feb 25, 2024 12:41 PM

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