Mayawati on Akhilesh Yadav: बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2019 लोकसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी से गठबंधन टूटने को लेकर बड़ा खुलासा किया है। दरअसल बसपा 2027 के यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं में एक बुकलेट बांटी जा रही है। इसी बुकलेट में मायावती ने बताया है कि आखिर सपा और बसपा का गठबंधन क्यों टूटा। मायावती के हवाले से बुकलेट में कहा गया है कि 2019 चुनाव के बाद अखिलेश यादव ने फोन उठाना बंद कर दिया था। इसकी वजह से गठबंधन तोड़ना पड़ा।
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बसपा की बुकलेट में मायावती ने दावा किया है कि 2019 लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बावजूद अखिलेश यादव की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी को सिर्फ 5 सीटें मिली थीं। इसके बाद अखिलेश यादव ने फोन उठाना बंद कर दिया। बसपा को 2019 में दस लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी। यूपी में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी के सिलसिले में बसपा अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में बुकलेट बांट रही है।
2019 लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा का गठबंधन चुनावी मैदान में था। यूपी की 80 सीटों में से सपा ने 37 तो बसपा ने 38 पर उम्मीदवार उतारे थे। वहीं तीन सीटों पर जयंत चौधरी की पार्टी ने चुनाव लड़ा था। इसके अलावा अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी गई थी। लेकिन परिणाम आए तो सपा को सिर्फ 5 सीटों पर जीत मिली, जबकि बसपा 10 सीटों पर कामयाब रही।
2024 में बसपा ने नहीं किया गठबंधन
2019 में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के बाद बसपा ने किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया है। हालांकि 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा को एक सीट पर जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी का खाता नहीं खुला। वहीं 2024 के चुनाव में अखिलेश यादव ने राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके पासा पलट दिया। सपा को 2024 में 37 सीटों पर जीत मिली तो कांग्रेस को 6 सीटों जीत हासिल हुई। बीजेपी 33 सीटों पर विजयी रही।