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Mahakumbh 2025: नए साल के मौके पर प्रयागराज में निकली अटल अखाड़े की शोभायात्रा, सैकड़ों की संख्या में दिखे नागा साधु

Mahakumbh 2025: नए साल के मौके पर भस्म-भभूत लपेटे और अस्त्र-शस्त्र के साथ नागा संन्यासियों की फौज ने अटल अखाड़ा में प्रवेश किया है। सैकड़ों की संख्या में नागा साधु देखे गए हैं और सड़कों पर हजारों लोग दर्शन के लिए पहुचे हैं।

Edited By : Simran Singh | Updated: Jan 1, 2025 16:24
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Mahakumbh 2025 On the occasion of New Year procession of Atal Akhara took out in Prayagraj hundreds of Naga Sadhus were seen
महाकुंभ 2025

दीपक दुबे

प्रयागराज: Mahakumbh 2025: नए साल के मौके पर भस्म-भभूत लपेटे और अस्त्र-शस्त्र के साथ नागा संन्यासियों की फौज ने अटल अखाड़ा में प्रवेश किया है। सैकड़ों की संख्या में नागा साधु देखे गए हैं और सड़कों पर हजारों लोग दर्शन के लिए पहुचे हैं।

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नए साल के उपलक्ष्य में 1 जनवरी को श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े का नगर प्रवेश भव्य तरीके से प्रयागराज की सड़कों से अपने अखाड़ा में प्रवेश किया। कुल पांच किलोमीटर की शोभा यात्रा के दौरान भारी पुलिस बल पद यात्रा के जरिए और घोड़े पर सवार होकर निकला। इस दौरान नागा साधु सैकड़ों की संख्या में भभूत लगाए हाथ में भाला भरक्षी, त्रिशूल, तलवार समेत कई अस्त्र शस्त्र के साथ शोभा यात्रा को और भी अद्भुत बना दिया है।

इस दौरान प्रयागराज की सड़कों पर हजारों हजारों की संख्या में प्रयागराज वासी सड़कों पर साधु संतों महात्माओं का आशीर्वाद लेते हुए नजर आए। इस दौरान अटल अखाड़ा के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री श्री स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज चांदी के रथ पर सवार होकर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए नजर आए।

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News24 से खास बातचीत करते हुए उन्होंने विश्व शांति की कामना करते हुए कहा विश्व में कैसे शांति फैले और किसी भी देश में युद्ध के न होने की कामना की। अखाड़े के प्रमुख होने के नाते उन्होंने महाकुंभ की भव्यता दिव्यता और सफल महाकुंभ कैसे होगा इसके बारे में कहा ईश्वर साक्षात इस महाकुंभ के दौरान यहां अवतरित होते है उनका आशीर्वाद इस महाकुंभ को सफल बनाएगा।

आपको बता दें कि इसके पूर्व जूना, आवाहन और अग्नि अखाड़ों का मेला क्षेत्र में प्रवेश हो चुका है। वहीं, गुरुवार को मेला छावनी में महानिर्वाणी अखाड़े का प्रवेश होगा। अटल अखाड़ा के नगर प्रवेश के दौरान अलग अलग रंग अलग अलग इष्ट देवों के नामों की गर्जना से प्रयागराज गूंज उठा। आपको बता दें कि घोड़ों के साथ अटल अखाड़े का नगर प्रवेश हुआ है। जहां साधु संत आज हजारों की संख्या में मेला छावनी में प्रवेश किया। इस अखाड़े में हैं 2 लाख से ज्यादा नागा संन्यासी है।

साधु और संतों का जमावड़ा बक्सी बांध पुलिस चौकी पर हुआ, फिर भगवान की पालकी लेकर पूरे लाव लश्कर के साथ छावनी प्रवेश शोभा यात्रा शुरू हुई। गौरतलब है कि विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले की शुरुआत 13 जनवरी से होने वाली है। इससे पहले 1-1 करके सभी हिंदू अखाड़ों के साधु और संत प्रयागराज में भव्य प्रवेश कर रहे हैं। परंपरागत तरीके से सजे-धजे रथों और घोड़े पर सवार संतों ने यात्रा में भाग लिया। शोभा यात्रा में आकर्षक झांकियां भी प्रस्तुत की गईं, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को दर्शाती थीं। यात्रा के दौरान वेदों के मंत्रों का पाठ और शंखनाद वातावरण को भक्तिमय बना रहे थे।

अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मा सरस्वती महराज की अगुवाई में 1000 से ज्यादा साधु-संत व 100 से ज्यादा दिगंबर संत एक साथ हाथी, घोड़े व रथ पर सवार होकर महाकुंभ में बने अपने शिविर में प्रवेश किया।

अखाड़ा की पेशवाई बक्शी बांध पुलिस चौकी के पास स्थित अखाड़े से निकलेगी। निराला मार्ग से होते हुए महानिर्वाणी अखाड़ा, बेणी बांधव मंदिर, दारागंज अड्डा, गंगा भवन, निरंजनी अखाड़ा होते मेला क्षेत्र में पहुंचेगी। त्रिवेणी मार्ग से सेक्टर 20 में अखाड़े के शिविर में प्रवेश करेगी।

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श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े की स्थापना आदि शंकराचार्य के निर्देश पर 569 ईस्वी में गोंडवाना में हुई थी। इस अखाड़े में मौजूदा समय में दो लाख से अधिक नागा संन्यासी हैं। जिसके देश भर में 500 से अधिक मठ-मंदिर और तीर्थ हैं, जहां अटल अखाड़े का प्रबंधन चलता है।

आपको बता दें कि श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़े की न्याय व्यवस्था सबसे अहम मानी जाती है। सभी अखाड़ों में श्री पंच होते हैं, लेकिन अटल अखाड़े में श्री शंभू पंच सबका सरपंच माना जाता है। चाहे किसी तरह के विवाद का निपटारा हो या फिर कोई अहम नीतिगत फैसला लेने की घड़ी। 13 अखाड़ों की ओर से होने वाली ऐसी बैठकों में श्री शंभू पंच का आसन लगाया जाता है।भगवान गणेश इस अखाड़े के देवता के रूप में सुशोभित होते हैं। इसीलिए महाकुंभ में नगर प्रवेश हो या फिर पेशवाई (छावनी प्रवेश) देवता के रूप में प्रथम पूज्य गजानन को लेकर ही सबसे आगे शंभू पंच चलते हैं। इनके पीछे भस्म-भभूत लपेटे अस्त्र-शस्त्र से लैस नागा संन्यासियों की फौज चलती है।

महाकुंभ क्षेत्र में पहुंचने पर अटल अखाड़े के संतों का स्थानीय श्रद्धालुओं और भक्तों ने फूलों की वर्षा से स्वागत किया। संतों की यह यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का एक अद्भुत प्रदर्शन भी है।

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Edited By

Simran Singh

First published on: Jan 01, 2025 04:24 PM

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