UP Bijli Rate Hike: यूपी पावर कॉर्पोरेशन एक बार फिर बिजली दरों में वृद्धि की तैयारी कर रहा है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन ने एक नया प्रस्ताव बना कर राज्य विद्युत नियामक आयोग (UPERC) में दाखिल कर दिया है। अब इस प्रस्ताव पर सुनवाई होनी है, जो प्रस्ताव पावर कॉर्पोरेशन में दाखिल किया है। इसके बाद नई दरें लागू होंगी। यह अब तक का पावर कॉर्पोरेशन के इतिहास में बिजली दरों में वृद्धि का सबसे बड़ा प्रस्ताव है।
20 से 45 प्रतिशत तक बढ़ेंगी दरें
अगर वह लागू होता है तो शहरी घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 40% ग्रामीण क्षेत्रों में 45% और कमर्शियल बिजली दरें 20 से 25% तक बढ़ जाएगी।
फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव
प्रस्ताव में केवल यूनिट दरें ही नहीं, बल्कि फिक्स चार्ज में भी बड़ा इजाफा प्रस्तावित है। शहरी क्षेत्रों के लिए फिक्स चार्ज को 110 रुपये प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 190 रुपये करने का प्रस्ताव है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह चार्ज 90 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये प्रति किलोवाट किया जाना प्रस्तावित है।
100 यूनिट तक अब 1.5 रुपये की बढ़ोतरी
प्रस्ताव के हिसाब से अधिक बिजली प्रयोग करने वाले शहरी उपभोक्ताओं को अब 13 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली का बिल देना होगा। पावर कॉर्पोरेशन के इस प्रस्ताव पर नियामक आयोग जुलाई में सुनवाई शुरू करेगा, जिनके बाद ही बिजली के दाम बढ़ाने पर फैसला हो पाएगा। फिलहाल उत्तर प्रदेश में 100 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं को 5 रुपये 50 पैसे की दर से बिजली का बिल देना होता है जो प्रस्ताव पास होने पर छह रुपये 50 पैसे हो जाएगा।
परिषद ने लगाया आरोप
उपभोक्ता परिषद का आरोप है कि निजीकरण की तैयारी कर रही यूपी सरकार बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने की नीयत से यह काम कर रही है।
क्या बोले पूर्व सीएम अखिलेश
महंगी बिजली के लिए बने प्रस्ताव पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकार बिजली को इतना महंगा कर रही है कि हम जैसे लोग भी बिल नहीं भर पाएंगे।