Ghaziabad: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में तेंदुए (Leopard) की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। कुछ ही दिन पहले गाजियाबाद कोर्ट (Ghaziabad Court) में तेंदुए ने हमला किया था। हमले में 12 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इन घायलों में कई वकील भी शामिल थे। अब फिर से तेंदुआ देखे जाने का दावा किया गया है।
इस ताजा मामले के बाद वन अधिकारियों ने गाजियाबाद जिला और सत्र न्यायालय में इस महीने दूसरी बार तेंदुए के देखे जाने की बात को अफवाह करार दिया है। साथ ही कहा कि सीसीटीवी फुटेज से पता चला है, यह एक जंगली बिल्ली थी, न कि तेंदुआ।
8 फरवरी को कोर्ट परिसर में तेंदुए ने किया था हमला
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद कोर्ट परिसर में 8 फरवरी को एक तेंदुआ घुस आया था। इस तेंदुए ने लोगों पर हमला कर दिया था। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि हमले में कम से कम 5 लोग घायल हुए थे। जबकि वकीलों का कहना था कि तेंदुए ने कम से कम 12 लोगों को घायल किया था।
टीम ने पकड़कर सूरजपुर के जंगलों में छोड़ा
इसके बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने इस तेंदुए को बेहोश करके पकड़ा था। फिर उसे सूरजपुर के एक जंगल क्षेत्र में छोड़ दिया गया। हालांकि वन विभाग के स्पष्टीकरण से वकील संतुष्ट नहीं हुए थे। उन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा करने और कार्य बहिष्कार के बाद हड़ताल का आह्वान किया है।
10 हजार लोग रोजाना रहते हैं कोर्ट परिसर में
गाजियाबाद जिला बार एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि हमने सभी से जल्द से जल्द परिसर खाली करने का आग्रह किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेंद्र कौशिक ने भी कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। बताया गया है कि गाजियाबाद कोर्ट में रोजाना करीब 10,000 वकील, वादी, न्यायाधीश, कर्मचारी और अन्य लोग आते हैं, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतेजाम नहीं है।
वन विभाग ने नहीं की कोई कार्रवाई
बार एसोसिएशन सचिव और अधिवक्ता नितिन यादव ने कहा कि 8 फरवरी के बाद से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। एक तेंदुए ने कई लोगों पर हमला किया था। एसोसिएशन की नाराजगी बुधवार के सीसीटीवी फुटेज से जुड़ी है, जिसमें कथित तौर पर कोर्ट परिसर के अंदर एक बड़ी बिल्ली (संभवतः तेंदुआ) दिखाई दिया है।
वन विभाग ने दिया ये बयान
इस मामले पर जिला वन अधिकारी मनीष सिंह ने कहा कि अब कोई तेंदुआ नहीं है। फुटेज एक जंगली बिल्ली की प्रतीत हो रही है। आमतौर पर लोग मछली पकड़ने वाली बिल्लियों (मध्यम आकार की जंगली बिल्लियों) और तेंदुए के शरीर पर बने धब्बों को देख भ्रमित हो जाते हैं।