Langur Posters: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर के सरकारी बस स्टेशनों पर लंगूर के पोस्टर लगाए गए हैं। इस फैसले के पीछे के कारणों के संबंध में प्रशासन का कहना है कि बंदरों को भगाने के लिए ऐसा किया गया है। प्रशासन के मुताबिक, लंगूरों के फोटो वाले पोस्टर के अलावा फायर साउंड सेंसर मशीनें भी लगाई गई हैं।
अधिकारियों का कहना है कि बस स्टैंड पर बंदरों का आतंक रहता है। बंदरों को भगाने के लिए लंगूर वाले पोस्टर्स और सेंसर मशीनें लगाई गईं, जिसका फायदा दिख रहा है।
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प्रशासन की ओर से बताया गया कि मुरादाबाद में परिवहन निगम के बस स्टैंड्स पर लंगूर की बड़ी-बड़ी तस्वीरें लगाई गई हैं। ये तस्वीरें बस स्टैंड के पास ऊंचे पेड़ों, खंभों, दीवारों और छतों पर लगाई गई हैं। वहीं, बंदरों को भगाने के लिए बस स्टैंड पर सेंसर मशीनें भी लगाई गई हैं।
कैसे काम करता है सेंसर मशीन
प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही कोई बंदर सेंसर मशीन के पास आता है, आग की रोशनी के साथ-साथ गोलियों की आवाज आती है जिसे देखकर और सुनकर बंदर भाग जाते हैं।
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उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अधिकारियों के मुताबिक, बस स्टैंड पर दिनभर में 10-20 हजार यात्री आते हैं। ऐसे में बंदर यात्रियों को नुकसान पहुंचाने के साथ बसों को नुकसान पहुंचाते थे।
न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बीएल मिश्रा ने कहा, “यह अभ्यास दूसरी बार किया जा रहा है। लोगों में बंदरों का बड़ा डर है और यह तरीका इनसे छुटकारा पाने में उपयोगी है।” इस पहल से अब बस स्टैंड पर बंदरों का आना बंद हो गया है।
बीएल मिश्रा ने बताया कि नोडल अधिकारी ने बस स्टैंड पर सेंसर मशीन भी भिजवा दी है। परिवहन विभाग ने उत्तर प्रदेश सरकार से और सेंसर मशीनों की मांग की है।
दुकानदार बोला- बंदर सामान को नुकसान पहुंचाते थे
एक बस स्टैंड पर मौजूद एक दुकानदार ने कहा, “बंदरों से बहुत डर लगता था। वो दुकान से सामान उठाते थे। ऐसे में जब से लंगूर के पोस्टर लगे हैं, बंदरों का आतंक कम हो गया है।”
उन्होंने कहा, “बंदर आए दिन यात्रियों को नुकसान पहुंचाते थे। कभी बस के नीचे तो कभी पेड़ों पर छिप जाते थे और उसके बाद यात्रियों को नुकसान पहुंचाते थे। अब इस पहल से बंदर बस स्टैंड पर नहीं हैं।”
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