इन दिनों उत्तर प्रदेश में इस बात की चर्चा गर्म है की आखिर बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा। इस बीच पार्टी के भीतर जिन ओबीसी चेहरों पर चर्चा हो रही है, उनमें सबसे चौंकाने वाला नाम सामने आया है, वो केशव मौर्या का है। केशव प्रसाद मौर्या पहले भी यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रह चुके हैं, लेकिन एक बार फिर उनके नाम पर पार्टी गंभीरता से मंथन कर रही है। हालांकि, शनिवार को जब केशव प्रसाद मौर्या से यह सवाल पूछा गया कि आपको बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है तो केशव मौर्या ने तमाम चर्चाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि चर्चा में कोई दम नहीं होता है, बल्कि पर्चे में होता है और जो पर्चे में होता है वो चर्चा में नहीं होता। अब केशव मौर्या के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
‘तीसरी बार प्रचंड बहुमत से बीजेपी की सरकार बनेगी’
दरअसल, शनिवार को केशव मौर्या उत्तर प्रदेश के दो जनपदों के दौरे पर थे। जनपद गोंडा दौरे के दौरान केशव मौर्या ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं वहां संगठन के लोगों से जरूर मिलता हूं और अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करता हूं। यही नहीं केशव मौर्या ने कहा की आगामी विधानसभा चुनाव 2027 में बीजेपी यूपी में साल 2017 का परिणाम दोहराएगी और तीसरी बार प्रचंड बहुमत से बीजेपी की सरकार बनेगी।
केशव मौर्या ने सपा-बसपा और कांग्रेस पर किया हमला
यही नहीं केशव मौर्या ने विपक्ष पर आरोप लगते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस और बसपा का हाल 2017 के चुनाव परिणाम जैसा होगा। वहीं, अखिलेश यादव के पीडीए समीकरण पर केशव ने कहा की अखिलेश यादव फर्जी पीडीए के अध्यक्ष हैं, उनका कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है, क्योंकि साल 2022 विधानसभा चुनाव में सपा 100 के आसपास सीट जीत पाई थी। अब हमारी ये कोशिश होगी की 2027 में सपा 47 का भी आंकड़ा ना छु पाए। केशव मौर्या ने कहा की लोकसभा चुनाव 2024 में झूठ की वजह से बीजेपी की कुछ सीट कम हुई थी, लेकिन महाराष्ट्र-दिल्ली और हरियाणा चुनाव में जीत ने विपक्ष को करारा जवाब दिया है। केशव मौर्या ने कहा की सपा-बसपा और कांग्रेस के लिए 2047 तक सत्ता के दरवाजे बंद हैं। यही नहीं केशव ने ये भी कहा कि कार्यकर्ताओं के दम पर ही बीजेपी चुनाव जीती है और 2027 में बड़ी विजय होगी।
पिछड़ा कार्ड भी खेल गए केशव मौर्या
एक सवाल के जवाब में उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने कहा कि अब अखिलेश यादव को मुझसे डर लगता है क्योंकि ओबीसी के नाम पर मैं यूपी की 25 करोड़ जनता का सेवक हूं और पिछले 9 वर्षों से उपमुख्यमंत्री हूं। उन्होंने कहा कि जब-जब पिछड़े वर्ग का कोई भी नेता आगे बढ़ता है तो अखिलेश यादव को बर्दाश्त नहीं होता है। केशव ने यह भी कहा कि पिछड़ी जाति के सामान्य कार्यकर्ता के रूप में आज यहां तक आया हूं। केशव मौर्या ने कहा कि सपा के फर्जी पीडीए का मतलब परिवार डेवलपमेंट एजेंसी ही है।
क्यों केशव मौर्या हैं बीजेपी के लिए अहम?
केशव प्रसाद मौर्य को बीजेपी में ओबीसी समुदाय का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता है। प्रदेश में पिछड़े वर्ग की बड़ी आबादी है और पार्टी को 2017 और 2019 में इस वर्ग से भरपूर समर्थन मिला था। ऐसे में जब समाजवादी पार्टी पीडीए (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) फॉर्मूले के जरिए बीजेपी के ओबीसी वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। तब केशव प्रसाद मौर्य को सामने लाकर बीजेपी पिछड़े वर्ग को साधने की रणनीति पर काम कर सकती है।