रुद्रप्रयाग की केदारघाटी में आर्यन एविएशन प्रा. लि. का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस घटना में पायलट, 2 साल की बच्ची समेत कुल 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस मामले में अब एफआईआर दर्ज की गई है। रुद्रप्रयाग पुलिस द्वारा बताया गया कि भले ही इस दुर्घटना के कारण के रूप में खराब मौसम को जिम्मेदार माना जा रहा हो, लेकिन दूसरा कारण हेलीकॉप्टर संचालन हेतु डीजीसीए एवं यूकाडा के स्तर से जारी एसओपी व दिशा-निर्देशों का सही से पालन न किया जाना भी था।
कोतवाली सोनप्रयाग में दी गई तहरीर
बताया गया कि राजस्व उपनिरीक्षक फाटा द्वारा कोतवाली सोनप्रयाग को तहरीर दी गई कि 15 जून की सुबह 05:30 बजे आर्यन एविएशन प्रा. लि. का हेलीकॉप्टर गौरीकुंड से ऊपर गौरीमाई खर्क (जंगल) में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, जिसमें पायलट समेत 7 यात्रियों की मृत्यु हुई है। आर्यन एविएशन प्रा. लि. को 15 जून को पहली उड़ान के लिए 06:00 बजे से 07:00 बजे तक का स्लॉट दिया गया था, लेकिन दुर्घटना सुबह लगभग 05:30 बजे हो गई।
लगा घोर लापरवाही का आरोप
तहरीर में कहा गया कि डीजीसीए एवं यूकाडा द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, प्रत्येक हेलीकॉप्टर ऑपरेटर द्वारा एसओपी के पालन के लिए एक व्यक्ति की तैनाती अनिवार्य है। इसके साथ ही जो फ्लाइंग स्लॉट आवंटित किए गए हैं, उनका कड़ाई से अनुपालन किया जाना चाहिए। इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बेस मैनेजर की होती है। टेक-ऑफ से पूर्व मौसम की स्थिति की जांच किया जाना आवश्यक है, जबकि उस सुबह से ही बादल और धुंध छाई हुई थी। इसके बावजूद हेलीकॉप्टर का संचालन किया गया और एसओपी की अनदेखी की गई।
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बताया गया कि आर्यन एविएशन प्रा. लि. और इसके मैनेजर विकास तोमर तथा एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक भली-भांति जानते थे कि एसओपी की अनदेखी करने से यात्रियों की जान-माल की क्षति हो सकती है। दुर्घटना से स्पष्ट है कि आर्यन एविएशन प्रा. लि. और उसके अधिकारियों द्वारा डीजीसीए एवं यूकाडा के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया और घोर लापरवाही बरती गई, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। इस दुर्घटना में 7 लोगों की मृत्यु के लिए विकास तोमर और कौशिक पाठक जिम्मेदार हैं।
रुद्रप्रयाग पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर कोतवाली सोनप्रयाग में मु.अ.सं. 28/2025 धारा 105 भारतीय न्याय संहिता 2023 एवं धारा 10 वायुयान अधिनियम 1934 के तहत विकास तोमर व कौशिक पाठक के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया है।