Mosque covered in Haridwar: कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश का विवाद थमा भी नहीं था कि अब हरिद्वार में जिला प्रशासन ने मस्जिदों को सफेद कपड़े से ढक दिया। इसके पीछे प्रशासन का कहना है कि माहौल खराब न हो इसके लिए पर्दे लगाए गए हैं। मस्जिदों को पर्दे के पीछे से ढकने के कारण मुस्लिम पक्ष ने भी नाराजगी जताई है। बता दें कि 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू हो चुकी है।
हरिद्वार प्रशासन ने मामला बढ़ता देख फिलहाल पर्दे हटा लिए गए हैं। अभी तक लाखों लोग हरिद्वार पहुंच कर गंगाजल भर चुके हैं। लेकिन मस्जिदों को पर्दे से ढकने के आदेश के बाद विवाद बढ़ चुका है। पर्दे लगाने से मुस्लिम समाज के बीच इस बात को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। मामले में ग्रामीणों ने बताया कि वे पिछले काफी समय से हरिद्वार में कांवड़ यात्रा देखते आ रहे हैं लेकिन इस तरह मस्जिदों को पहले कभी ढका नहीं गया था।
शुक्रवार को हटाते नजर आए कर्मी
हरिद्वार के ज्वालापुर में स्थानीय लोगों ने बताया कि 22 जुलाई को ऊंचा पुल के पास भूरे शाह मजार और इस्लामनगर की मस्जिद पर परदे लगाए गए। मस्जिद के प्रमुख अनवर अली ने बताया कि अधिकारियों ने यह कदम क्यों उठाया, उन्हें नहीं पता। इस मामले में हरिद्वार के डीएम धीरज सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन इस कदम के लिए जिम्मेदार नहीं है। शुक्रवार दोपहर को प्रशासन के कर्मी आनन-फानन में इसे हटाते नजर आए।
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मंत्री ने फैसले को लेकर क्या कहा?
मामले में उत्तराखंड सरकार के मंत्री सतपाल महाराज ने इस फैसले को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि किसी की ओर से कोई उत्तेजना या उकसावे की स्थिति नहीं बने और यात्रा सुचारू रूप से चले। वहीं यूपी के कांवड़िए ने कहा कि मस्जिदों और मजारों के पास से गुजरने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। पहले की तरह इस साल भी उसका असर नहीं होगा।
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