Kanwar Yatra Nameplate Controversy : यूपी में कांवड़ यात्रा नेमप्लेट को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया। मुजफ्फरनगर पुलिस प्रशासन ने सबसे पहले कांवड़ियों के मार्गों पर स्थित होटलों, ढाबों और रेस्टोरेंट समेत भोजनालयों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया। इसके बाद योगी सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया। भाजपा सरकार अब अपने ही आदेश में फंसती नजर आ रही है। इसे लेकर विपक्ष के साथ अपनों के भी तेवर बदल गए और उन्होंने योगी सरकार को नसीहत दे डाली। आइए जानते हैं कि किसने क्या कहा?
विपक्ष ने नेमप्लेट को लेकर योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। जहां विपक्ष के नेताओं ने नेमप्लेट के आदेश को विभाजनकारी बताया तो वहीं एनडीए के घटक दलों ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया। सीएम नीतीश कुमार की पार्टी आरजेडी, चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) और जंयत चौधरी की आरएलडी ने दुकानों के बाहर नेमप्लेट लगाने को गलत बताया।
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जानें जेडीयू ने क्या कहा?
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस फैसले से मुस्लिमों की पहचान उजागर होगी और लोग उनसे सामान नहीं खरीदेंगे। इस तरह का आर्थिक बहिष्कार सही नहीं है। योगी सरकार का यह आदेश मोदी सरकार के मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के विरुद्ध है। उन्होंने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की। केसी त्यागी ने कहा कि यूपी से बड़ी कांवड़ यात्रा बिहार में निकली है, लेकिन नीतीश सरकार ने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया।
योगी सरकार के फैसले से RLD भी नाराज
आरएलडी के यूपी अध्यक्ष रामाशीष राय ने नेमप्लेट लगाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि योगी सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए, क्योंकि यह निर्णय गैर-संवैधानिक है। इससे संप्रादायिकता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से भेदभाव और एक समुदाय के बहिष्कार से न तो राज्य का भला होगा और न ही भाजपा का।
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चिराग पासवान ने जताई आपत्ति
एलजेपी के चीफ और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने खुलकर नेमप्लेट का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वे जाति या धर्म के नाम पर किसी भी भेदभाव को सपोर्ट नहीं करते हैं। समाज में पहले से अमीर-गरीब दो वर्गों में बंटे हैं। इस खाई को भी पाटने की जरूरत है।