Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में पिछले दिनों आई आपदा (भूमि धंसाव) के कारण पूरा इलाका प्रभावित हुआ था। मकानों, इमारतों और सड़कों के धंसने के बाद राज्य सरकार समेत केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में जुटी थी।
प्रथम दृष्टया आपदा का कारण जोशीमठ के तपोवन में चल रहे एनटीपीसी के काम को माना गया था, जिसके बाद परियोजना का काम रोका गया था। एएनआई के अनुसार अब एनटीपीसी के काम को दोबारा चालू करने के लिए जोशीमठ के जन प्रतिनिधियों ने सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है।
भू-धंसाव के बाद बंद किया था काम
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, जोशीमठ के स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इलाके में भू-धंसाव के बाद तपोवन में बंद पड़ी एनटीपीसी परियोजना का काम शुरू करने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा है। जन प्रतिनिधियों ने कहा है कि इलाके के विकास के लिए परियोजना का शुरू होना जरूरी है।
Uttarakhand | Local public representatives from Joshimath send a memorandum to CM Pushkar Singh Dhami to start the work of the NTPC project which was closed in Tapovan after the land subsidence in Joshimath. pic.twitter.com/HuKvRxVWNm
---विज्ञापन---— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 30, 2023
जनप्रतिनिधियों की ओर से लिखा गए पत्र में लिखा गया है कि आपदा के बाद प्रशासन ने एनटीपीसी की जल विद्युत परियोजना का काम रोक दिया है, जबकि करीब 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जनप्रतिनिधियों ने कहा है कि जांच एजेंसियों ने भी प्रथम दृष्टया आपदा का कारण एनटीपीसी को नहीं माना है।
आपदाओं से प्रभावित होती है आबादी
पत्र में लिखा है कि उत्तराखंड में पूर्व में बहुत से जलप्रलय, भूमि कटाव और भूमि धंसाव के मामले सामने आए हैं। वर्ष 1971, वर्ष 2013 और वर्ष 2021 में आई जल प्रलय से यहां की भौगोलिक स्थित बदल गई है। पहाड़ों के कटान के कारण ऊपरी हिस्सों में आबादी प्रभावित होती है।