Jaunpur naushad ahmad dubey viral marriage card : यूपी के जौनपुर में एक ऐसी शादी चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसे सुनकर आप भी दंग हो जायेंगे. क्योंकि उस शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. शादी का कार्ड वायरल होने का वजह क्या है. हम बात कर रहे हैं जौनपुर के नौशाद अहमद दूबे की जिन्हें हर कोई जानता है. नौशाद अहमद दुबे के घर में पड़ी शादी के कार्ड पर उन्होंने अपने पूर्वजों का सरनेम दूबे का जिक्र किया है. आज शादी के दावते वलीमा, बहुभोज का चर्चा विषय बना हुआ है. खुद को मुस्लिम मानने वाले नौशाद अहमद को यहां के लोग प्यार से दूबे जी कहकर पुकारते हैं. इनके परिवार के वरिष्ठ सदस्यों को पंडित जी कहलाना अच्छा लगता था. यह शादी मुस्लिम रीति रिवाज से की जाएगी. शेख बिरादरी में यह रिश्ता हो रहा है. वो अपने पूर्वजों के जरिए अपना सरनेम दूबे बताते हैं और जहां रिश्ता तय हुआ है, उसके सरनेम से उनके पूर्वज कौन है उनसे इससे कोई मतलब नहीं है. नौशाद अहमद दूबे ने इस बारे में न्यूज 24 से खास बातचीत की.
दो दर्जन से अधिक ऐसे मुस्लिम परिवार, जिनके हिंदू उपनाम
नौशाद अहमद दुबे कहते हैं कि यह हिंदू उपनाम उन्हें अपने पूर्वजों से मिला है, अकेले वो नहीं, मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर केराकत तहसील क्षेत्र के डेहरी गांव में दो दर्जन से अधिक ऐसे मुस्लिम परिवार हैं जो अपने नाम के साथ हिंदू उपनाम का इस्तेमाल कर रहे हैं. उनका कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे. हालांकि इन मुस्लिम परिवारों का यह साफ-साफ कहना है कि उन्होंने हिंदू धर्म नहीं अपनाया है. और ना ही उनका धर्म परिवर्तन करने का कोई इरादा है. यूपी के इस गांव के बारे में कुछ लोगों का कहना है कि हिंदू उपनामों का उपयोग साम्प्रदायिक खाई को पाटने में मदद कर सकता है. इसी गांव के हैं.
नाम के साथ कभी शेख नहीं लगाया
नौशाद अहमद जिन्हें लोग प्यार से दूबे जी कहकर पुकारते हैं. नौशाद ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने नाम के साथ शेख नहीं लगाया, लेकिन उनके रिश्तेदार ऐसा करते थे. हमने ऐसा इसलिए नहीं किया क्योंकि यह एक अरबी उपनाम है. मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि, मेरे परिवार के वरिष्ठ सदस्य गांव में पंडितजी के नाम से प्रसिद्ध थे. मेरे परदादा ने मुझे बताया था कि हमारे पूर्वज लाल बहादुर दुबे डेहरी आए थे और एक ज़मींदारी खरीदी थी. उन्होंने बाद में इस्लाम धर्म अपना लिया. नौशाद का कहना है कि वह अभी भी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके पूर्वज लाल बहादुर ने धर्म परिवर्तन क्यों किया. नौशाद तभी से अपने पूर्वजों का सरनेम दूबे का इस्तेमाल करते चले आ रहे हैं.
जमींदार के 8 वीं पीढ़ी के वंशज खालिद दूबे
नौशाद के घर 14 डिसकार्ड के ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है बहूभोज (दावत-ए-वलीमा) और तारीख है 14 दिसंबर 2025, दिन रविवार, समय दोपहर 12 बजे. मगर इस पूरे कार्ड में जो लाइन सबसे ज्यादा वायरल हो रही है और चर्चाओं में हैं वो यह है एक मुस्लिम परिवार की शादी में दूबे जी का नाम. कार्ड पर यह भी लिखा है श्री लाल बहादुर दूबे 1669 ई. के जमींदार के 8 वीं पीढ़ी के वंशज खालिद दूबे की शादी और बहूभोज के शुभ अवसर पर आप सभी सादर आमंत्रित हैं. सभी को उक्त कार्ड देकर आमंत्रित भी किया जा रहा है. नौशाद अहमद दुबे एक साले पहले सरनेम को लेकर चर्चा में आ चुके है आज नौशाद अहमद दुबे, आपने बेटे की शादी के बाद बहुभोज ,दावते वलीमा को लेकर सुर्खियों में बने हुए है वही बहुभोज में हर धर्म के लोग शामिल हुए.










