कानपुर: ‘आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं’। कुछ लोगों की जिंदगी का यही आधार होता है और इसी के बूते वो दूसरों के हरमन प्यारे बन जाते हैं। खासकर जब बात एक अच्छे अफसर की हो उसका विदा होना दिलों को आंसुओं के समंदर में डुबो ही देता है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही कुछ तस्वीरें ऐसी ही कहानी बयां कर रही हैं। वाकया उस वक्त का है, जब उत्तर प्रदेश के कानपुर में बतौर डीसीपी ट्रैफिक तैनात भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी रवीना त्यागी का ट्रांसफर हो गया और उन्हें विदाई पार्टी दी जा रही थी। इस दौरान एक महिला सिपाही इतनी भावुक हो गई कि रो पड़ी। इसके बाद क्या हुआ, जानने के लिए यह आर्टिकल पूरा पढ़ें…
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जाम से मुक्ति दिलाने और महिलाओं के छेड़छाड़ करने वालों पर नकेल कसने के लिए जाना जाता है 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी रवीना त्यागी को
दरअसल, मूल रूप से गौतम बुद्ध नगर की निवासी और 2014 बैच की आईपीएस अधिकारी रवीना त्यागी का नाम तेज महिला अधिकारियों की फेहरिस्त में शुमार है। कानपुर में महिलाओं के छेड़छाड़ करने वालों पर नकेल कसने के लिए जाना जाता। इसके बाद कानपुर के यातायात को भी काफी हद तक व्यवस्थित किया। यहां डीसीपी ट्रैफिक के रूप में सेवाएं देने के बाद रवीना त्यागी का अब तबादला हो गया है, जिसके चलते उनके लिए विदाई समारोह आयोजित किया।
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इस समारोह में रवीना त्यागी के साथ काम कर रही एक महिला कॉन्स्टेबल ने उनकी तारीफ में खूब कसीदे गढ़े। आमिर खान की फिल्म मन के गाने की तर्ज पर एक गीत बनाकर गाया, जिसके बोल थे-‘सूना है आंगन और सूना ये मन, मैडम ना जाओ-यही कहती है धड़कन। तुम छोड़के जाओगे, हम सब ही रोएंगे…’। इसके बाद सिपाही ने रवीना त्यागी की तारीफ में एक शायरी भी बोली और फिर अपनी बात खत्म करते-करते वह इतना भावुक हो गई उसकी आंखों से आंसू छलक पड़े। इसके बाद आईपीएस रवीना त्यागी सिपाही को गले लगा लेती हैं और पुचकारते हुए शांत करने की कोशिश करती नजर आती हैं।
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नेतृत्वहीन हो गया कानपुर का यातायात विभाग
गौरतलब है कि हाल ही में 24 सितंबर को कानपुर में तैनात पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी को पुलिस अधीक्षक महिला और बाल सुरक्षा संगठन के रूप में प्रोमोट कर दिया गया है। इससे पहले सात महीने तक उन्होंने बतौर डीसीपी सेवा देते हुए तमाम नए प्रयोगों के माध्यम से शहर को जाम से निजात दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। अब उनके तबादले के साथ ही यातायात विभाग एक बार फिर नेतृत्वहीन हो गया है। इसकी वजह अभी तक उनकी जगह कोई नई नियुक्ति नहीं होना है।
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