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माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान का क्या महत्व? महाकुंभ नहीं जा पाए तो हरिद्वार में लगाई डुबकी

Importance of Ganga Snan on Maghi Purnima: माघ पूर्णिमा के मौके पर जो लोग महाकुंभ जाकर स्नान नहीं कर पाए उन्होंने हरिद्वार जाकर गंगा स्नान किया और उसके महत्व के बारे में भी बात की। पंडित ने भी माघ पूर्णिमा के महत्व के बारे में बताया।

Edited By : Hema Sharma | Updated: Feb 12, 2025 11:48
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Importance of Ganga Snaan on Magh Purnima
Importance of Ganga Snaan on Magh Purnima

Importance of Ganga Snaan on Magh Purnima:  (Pankaj kaushik) माघ माह में पड़ने वाली पुर्णिमा को ‘माघ पूर्णिमा’ कहा जाता है और मास का नाम माघ नक्षत्र के नाम पर पड़ा है। इसका अर्थ होता है महान,  यह अवसर विशेष फलदायी, मोक्ष प्रदान करना वाला और समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला है। ऐसा माना जाता है कि माघ पूर्णिमा पर मां गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। गंगा स्नान करने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे है और हर की पौड़ी समेत अन्य गंगा तटों पर गंगा स्नान कर रहे है। ऐसी मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और पितरो का भी आशीर्वाद मिलता है। आइए जान लेते हैं कि पंडित मनोज त्रिपाठी और श्रद्धालुओं का क्या कहना है।

क्या है माघ पूर्णिमा का महत्व

हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी ने माघ पूर्णिमा के महत्व के बारे में बात करते हुए कहा कि इस समय सभी देवी देवता धरती पर अवतरित होते हैं। भगवान जितने भी कुंभ क्षेत्र है हरिद्वार प्रयागराज आदि वहां पर स्वयं स्नान करते हैं और जो व्यक्ति उनके साथ स्नान करता है वह देवताओं के समान हो जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मन की इच्छा पूरी होती है और पूर्ण फल भी मिलता है। इस पूर्ण माघ मास में स्नान का फल बताया गया है परंतु जो पूरे माह स्नान न कर पाया हो वह आज मात्र पूर्णिमा के दिन स्नान कर ले तो उसको पूरे माह के स्नान का फल मिल जाता है।

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देवी-देवता के समान गिने जाते हैं इंसान

पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि जो लोग इस समय गंगा स्नान करते हैं वो और उनके पुण्य देवताओं के समान गिने जाते हैं आपका किया पुण्य, स्नान के पश्चात किया गया दान अक्षय हो जाता है। पितरों के निमित्त आज जो श्राद्ध कर देता है वह पितरों को भी तीर्थ श्राद्ध का फल दे देता है उनको भी माघ मास के स्नान का फल मिलता है। ऐसे लोग कई वर्षों तक अश्वमेध यज्ञ का फल भोगने के बाद स्वर्गीय सुख पाते हैं।

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कैसे स्नान करने से मिलता है कैसा फलट

उन्होंने ये भी बताया कि सबसे पहले मोन रहकर स्नान किया जाता है और माघ मास में तिल से बनी वस्तुओं का विशेष प्रयोजन है जैसे स्नान से पूर्व तिल से बने उबटन लगाए, तिल जल में मिलाकर स्नान करें और स्नान के पश्चात  तिल वाली मिठाई का दान करें। जितने तिल आप की मिठाई में होंगे उतने श्रेष्ठ वर्षों तक आप स्वर्ग में निवास करेंगे, यह नारायण आपको आशीर्वाद देते हैं। सभी देवी देवताओं का पुण्य फल भी आपको स्नान के साथ स्वयं मिल जाता है, जो व्यक्ति आज ऊनी वस्त्र मिठाई दान करता है वह व्यक्ति अपने मन की जो भी मनोकामना है उसको तो पूर्ण करता ही है और उसके पुण्य अक्षय हो जाता है।

इस खास मौके पर श्रद्धालुओं ने भी अपने स्नान का अनुभव बताया

माघ पूर्णिमा के मौके पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में डुबकी लगाई और अपने अनुभव को शेयर करते हुए कहा कि वो महाकुंभ नहीं जा पाए तो हरिद्वार में ही गंगा स्नान कर लिया। एक महिला ने माघ पूर्णिमा के स्नान का महत्व बताते हुए कहा कि वो मुझे भी इच्छा थी की गंगा स्नान करूं, ऐसे में मैं यहां पर आई। एक अन्य व्यक्ति ने कहा- आज पूर्णिमा है तो हमने भी यहीं पर कूंभ मानकर स्नान कर लिया।

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Edited By

Hema Sharma

First published on: Feb 12, 2025 11:48 AM

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