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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

‘I Love Muhammad’ पर विवाद क्यों? लगे सिर तन से जुदा के नारे, कानपुर से लेकर मुंबई तक हंगामा

उत्तर प्रदेश के कानपुर में ‘I Love Muhammad’ पोस्टर को लेकर शुरू हुआ विवाद अब कई राज्यों तक फैल चुका है. बारावफात के जुलूस के दौरान लगाए गए पोस्टर के विरोध में दो गुटों में झड़प हुई थी. पुलिस ने मामले में 24 से अधिक लोगों पर केस दर्ज किया है, हालांकि FIR का कारण सिर्फ पोस्टर नहीं, नई परंपरा की शुरुआत बताया गया है. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और अन्य राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाओं के बाद यह मामला महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तराखंड तक पहुंच गया है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Avinash Tiwari Updated: Sep 22, 2025 18:11
I Love Muhmmad
पोस्टर से कैसे शुरू हुआ विवाद?

उत्तर प्रदेश में नवरात्रि से पहले माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. कानपुर से शुरू हुआ विवाद अब महाराष्ट्र के मुंबई, गुजरात, उत्तराखंड समेत कई जगहों तक पहुंच चुका है. हर जगह एक पोस्टर की चर्चा हो रही है, जिसमें लिखा है I Love Muhammad! आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक छोटा सा विवाद अब इतना बड़ा बन गया है कि हर जगह इसकी चर्चा शुरू हो गई है.

विवाद तब शुरू हुआ जब कानपुर में एक पोस्टर को लेकर दो गुटों के बीच कहासुनी और मामूली झड़प हो गई. इस झड़प को लेकर पुलिस ने शांत करवा दिया लेकिन बाद में कुछ लोगों पर केस भी दर्ज कर लिया गया. अब इसके खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन हो रहे हैं. दरअसल, 4 सितंबर को यूपी के कानपुर का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक पोस्टर दिखाई दे रहा था, जिस पर लिखा था ‘आई लव मुहम्मद’. इस पोस्टर का विरोध शुरू हुआ.

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दो पक्षों के बीच हुआ विवाद

विवाद शुरू होने की जानकारी मिलते ही कानपुर पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों में समझौता करवा दिया. मामला शांत हो गया. हालांकि पुलिस का कहना है कि सरकार का नियम है कि जुलूस में किसी तरह की नई परंपरा नहीं अपनाई जाएगी, लेकिन बारावफात के जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने नई जगह पर टेंट लगाया और I Love Muhammad का पोस्टर भी लगाया. पुलिस ने दखल देते हुए पुरानी परंपरा वाली जगह पर ही टेंट और साइन बोर्ड लगवा दिया..

मुस्लिम पक्ष का आरोप था कि उसके साइन बोर्ड को फाड़ दिया गया था, जबकि हिंदू पक्ष ने आरोप लगाया कि मुस्लिम पक्ष के जुलूस में शामिल लोगों ने धार्मिक पोस्टर फाड़े. हालांकि किसी तरह मामला शांत हो गया, लेकिन 9 सितंबर को पुलिस ने दो दर्जन से अधिक लोगों पर केस दर्ज कर लिया. पुलिस का कहना है कि जो FIR दर्ज की गई है, वह पोस्टर और उस पर I Love Muhammad लिखने की वजह से नहीं हुई है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यह केस बारावफात के जुलूस के दौरान I Love Muhammad नाम के बोर्ड बनाकर नई परंपरा शुरू करने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए दर्ज किया गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मामले में 9 नामजद और 15 अज्ञात लोगों पर केस किया गया.

नेताओं की प्रतिक्रिया से बढ़ा विवाद

15 सितंबर को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि I Love Muhammad कहना जुर्म नहीं है, अगर है तो इसकी हर सजा मंजूर है. ओवैसी ने एक पोस्ट भी शेयर किया था जिसमें लिखा था कि मुस्लिम पक्ष की ओर से कथित तौर पर नई परंपरा शुरू करने को लेकर पुलिस ने केस किया है. फिर सपा नेताओं के बयान आए. मामला मुंबई, गुजरात और उत्तराखंड के कई जगहों पर पहुंच गया और लोग I Love Muhammad का पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने लगे. कई जगहों पर प्रदर्शन के दौरान ‘सिर तन से जुदा’ के नारे भी लगाए गए हैं.

First published on: Sep 22, 2025 05:10 PM

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