Hathras Stampede : यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ ने 121 लोगों की जान ले ली। इस हादसे के बाद लोग भोले बाबा के बारे में जानना चाहते हैं। भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल सिंह है। वे नारायण साकार हरि के नाम से भी जाने जाते हैं। अध्यात्म जगत में आने से पहले सूरजपाल यूपी पुलिस में दारोगा था। उसके खिलाफ अलग-अलग थाने में 6 मुकदमे दर्ज हैं। बाबा का एक 24 साल पुराना मामला सामने आया है।
सूरज पाल को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। उत्तर प्रदेश के आगरा में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को साल 2000 में गिरफ्तार किया गया था। उनके साथ 7 लोग भी अरेस्ट हुए थे। हंगामा करने के बाद पुलिस ने चमत्कारी उपचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की थी। भोले बाबा के पास कोई संतान नहीं है। उन्होंने एक बच्ची गोद ले रखी थी, जिसे कैंसर था। हालांकि, बाद में उस बच्ची की मौत हो गई थी।
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क्यों गिरफ्तार हुआ था भोले बाबा?
बच्ची अचानक से बेहेश हो गई। इस पर अनुयायियों ने कहा कि बाबा बच्ची को ठीक कर दीजिए। थोड़ी देर बाद बच्ची को होश आ गई, लेकिन बाद में उसकी मौत हो गई। इसे लेकर बाबा के अनुयायियों ने श्मशान घाट में जमकर हंगामा किया था। वे बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करने दे रहे थे। बाबा के अनुयायियों का कहना था कि भोले बाबा बच्ची को फिर से जिंदा कर देंगे। इस मामले में पुलिस ने बाबा समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन सबूतों के अभाव में सभी लोगों को छोड़ दिया गया।
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बाबा का पहला बयान आया सामने
सूत्रों के अनुसार, हाथरस हादसे में बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का पहला बयान सामने आया है। उन्होंने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि भगदड़ मचने से पहले वे सत्संग स्थल से निकल गए थे। असामाजिक तत्वों की वजह से अफरातफरी मची थी। उन्होंने इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। वहीं, एमडीएम की प्राथमिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बाबा के सुरक्षा गार्डों ने अनुयायियों को धक्का दिया था, जिसकी वजह से लोगों में भगदड़ मची थी।