---विज्ञापन---

हाथरस में 121 मौतों का जिम्मेदार ‘भोले बाबा’ बेकसूर कैसे? FIR से नाम गायब, हादसे के बाद पुलिस का यू टर्न

Hathras Satsang Stampede: यूपी के हाथरस में हुए हादसे के बाद दर्ज की गई FIR में भोले बाबा का नाम ही नहीं है। इससे एक दिन पहले घटना के तुरंत बाद पहुंचे डीजीपी ने कहा कि इस घटना में किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जिम्मेदारों को छोड़ेंगे नहीं।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Jul 3, 2024 13:57
Share :
Hathras Satsang Stampede
भोले बाबा का नाम FIR में क्यों नहीं?

Hathras Satsang Stampede: यूपी के हाथरस में भगदड़ से अब तक 121 लोगों की मौत हो चकी है। जबकि 35 लोग घायल हुए हैं। हादसा जीटी रोड स्थित फुलराई गांव के पास हुआ। जहां नारायण साकार उर्फ भोले बाबा के अनुयायियों की लाखों की संख्या में भीड़ जुटी थी। पोस्टमाॅर्टम हाउस में लाशों के ढेर लगे हैं। पुलिस ने सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार और देवप्रकाश मधुकर और अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है। हालांकि इस FIR में नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा का नाम ही नहीं है। इनके ही कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की जान चली गई।

एफआईआर के अनुसार आयोजकों ने कल के कार्यक्रम के लिए 80 हजार लोगों के आने की बात की थी लेकिन उसमें कई राज्यों के ढाई लाख से अधिक लोग आ गए। इस कारण भगदड़ मच गई और हादसा हो गया। एफआईआर के अनुसार सत्संग खत्म होने के बाद जब बाबा जाने लगे तो श्रद्धालु पीछे उनकी कदमों की धुल समेटने लगे। इस दौरान हजारों की भीड़ बाबा की गाड़ी के पीछे चलने लगी। इस दौरान धूल समेट रहे लोगों को भीड़ ने रौंद दिया।

---विज्ञापन---

डंडों से रोकने की कोशिश की

वहीं जीटी रोड के दूसरी ओर बारिश की वजह से खेतों में पानी भर गया। इस दौरान बेतहाशा दौड़ती भागती भीड़ को सेवादारों ने डंडों से रोकने की कोशिश की। इसी कारण भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और ये हादसा हो गया। कुछ ही देर में लाशें बिछ गईं। इधर हादसे के बाद बाबा मौके से निकल गए वहीं उनकी सेवादारों भी मदद को आगे नहीं आए। ऐसे में पुलिस के लोग आखिर तक लोगों को निकालने में जुटे रहे।

ये भी पढ़ेंः Hathras Stampade: श्रद्धालुओं को डंडे से हाका, सबूत छिपाने के लिए खेत में फेंकी चप्पलें, पढ़े सेवादारों के कारनामे

जानें कौन हैं भोले बाबा

बता दें कि भोले बाबा का नाम असली नाम सूरजपाल है। वह कासगंज के बहादुर नगर का मूल निवासी है। सूरजपाल ने साल 1990 के दशक के अंत में पुलिस की नौकरी छोड़कर प्रवचन देना शुरू किया था। बाबा ने सत्संग करना शुरू कर दिया। भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। सत्संग में बाबा की पत्नी भी साथ रहती हैं। वह एससी समुदाय से आते हैं।

ये भी पढ़ेंः Hathras Stampade: श्रद्धालु चरण रज लेने दौड़े…पानी की बौछारें और फिर मची भगदड़ ने ली 116 लोगों की जान, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

HISTORY

Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Jul 03, 2024 11:16 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें