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हाथरस भगदड़ केस में 3200 पेज की चार्जशीट से ‘भोले बाबा’ गायब, आरोपियों में 2 महिलाएं,121 की मौत का जिम्मेदार कौन?

Hathras Stampede Case: हाथरस भगदड़ केस में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी है, लेकिन आरोपियों में स्वयंभू बाबा सूरजपाल सिंह उर्फ भोलेबाबा का नाम नहीं है। भगदड़ में 121 लोग मारे गए थे। आरोपियों में दो महिलाएं शामिल हैं।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Oct 3, 2024 07:12
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Hathras Stampede
भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि की फाइल फोटो

Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2 जुलाई 2024 को मची भगदड़ की जांच के मामले में पुलिस ने 3200 पेज की चार्जशीट पेश कर दी है। इस हादसे में 121 लोगों की जान चली गई थी, लेकिन भगदड़ की चार्जशीट में स्वयंभू बाबा सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का कहीं जिक्र नहीं है, चार्जशीट में 11 आरोपी बनाए गए हैं जिनमें दो महिलाएं हैं। हालांकि आरोपियों में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का जिक्र नहीं है।

बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने कहा कि एक बार कोर्ट के चार्जशीट का संज्ञान लेने के बाद ट्रायल शुरू होगा। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई चार अक्टूबर को तय की है। मंगलवार को केस के 10 आरोपियों को पुलिस अलीगढ़ जिले से हाथरस जिला कोर्ट लेकर आई। इन आरोपियों में कार्यक्रम का मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर भी शामिल था।

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‘हाथरस हादसे में सूरजपाल की भूमिका पर सवाल नहीं’

हाथरस भगदड़ केस में 2 जुलाई को भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (हत्या के बराबर न होने वाली गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत दर्ज की गई थी। सितंबर महीने में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में आरोपी दो महिलाओं को सशर्त अंतरिम जमानत दी थी। इन महिलाओं के नाम मंजू देवी और मंजू यादव है। हालांकि 9 आरोपी अभी भी कस्टडी में हैं।

इससे पहले मामले की जांच कर रही एसआईटी ने भगदड़ में हुई मौतों पर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद 6 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था। इन अधिकारियों में सर्किल ऑफिसर सिकंदर राव, आनंद कुमार, सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार, तहसीलदार सुशील कुमार और दो सब इंस्पेक्टर मनवीर सिंह और बृजेश पांडे शामिल हैं। इन लोगों को ड्यूटी में लापरवाही का दोषी पाया गया था। हालांकि एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा पर कोई सवाल नहीं उठाया है।

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जांच एजेंसियों ने माना- आयोजकों की लापरवाही से हादसा

सरकारी एजेंसियां, खासकर पुलिस का मानना है कि आयोजकों की लापरवाही के चलते हादसा हुआ। जांच में श्रद्धालुओं की संख्या 2.5 लाख से ज्यादा होने को भी रेखांकित किया गया है। सूरजपाल सिंह को कार्यक्रम के लिए सिर्फ 80 हजार की मंजूरी थी, लेकिन इससे कहीं ज्यादा लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। स्वयंभू बाबा के वकीलों ने दावा किया है कि अज्ञात लोगों द्वारा ‘कुछ जहरीला पदार्थ’ छिड़कने की वजह से भगदड़ मची।

मामले में 3 जुलाई 2024 को यूपी सरकार ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। इलाहाबाद के रिटायर्ड जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव जांच की अगुवाई कर रहे हैं। आयोग भगदड़ के मामले में साजिश की आशंका की जांच कर रहा है। हालांकि अभी जांच पूरी नहीं हुई है।

 

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Written By

Nandlal Sharma

First published on: Oct 03, 2024 06:47 AM

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