Hathras Satsang Stampade: यूपी के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ से अब तक 122 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 100 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं। मामले की जांच में जुटी पुलिस ने अब 22 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला हाथरस के सिंकदराराऊ थाने में 2 जुलाई की रात को दर्ज किया गया। जानकारी के अनुसार आयोजकों को 80 हजार लोगों के जमा करने की अनुमति थी लेकिन 2.50 लाख से अधिक लोग इकट्ठा हो गए। इस कारण ये हादसा हो गया। यह मामला ब्रजेश पांडे नामक शख्स ने दर्ज कराया है। FIR में भोले बाबा का नाम नहीं है जबकि उनके सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
बता दें कि मामले में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 105, 110, 126(2), 238 और 223 की धाराएं लगाई गई है। डीजीपी प्रशांत कुमार और मुख्य सचिव मनोज सिंह ने फोन के जरिए सीएम योगी आदित्यनाथ को मामले की जानकारी दी। घटना पर दोनों बड़े अधिकारियों ने एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसे आज सीएम को सौंपी जाएगी। उधर हादसे के एक दिन बाद सीएम योगी आज हाथरस पहुंचेंगे।
#WATCH | A day after the tragedy, the slippers of the victims lying on the ground where the stampede occurred during a religious event in Uttar Pradesh's Hathras. Forensic experts at the site are collecting evidence as part of the investigation.
CM Yogi Adityanath yesterday… pic.twitter.com/JRQxpL4xx8
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) July 3, 2024
भीड़ की स्थिति को छिपाकर मांगी परमिशन
पुलिस को दर्ज कराई शिकायत में बताया गया है कि भोले बाबा के सत्संग के आयोजन के लिए मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य सेवादार आयोजनकर्ता थे। आयोजनकर्ता द्वारा इसी संगठन के पूर्ववर्ती कार्यक्रमों में जुटने वाली लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस कार्यक्रम में करीब 80 हजार लोगों की भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति मांगी गई। इसके अनुसार ही पुलिस प्रबंधन के द्वारा यातायात और अन्य व्यवस्थाओं का प्रबंध किया गया। किन्तु इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने हेतु 80 हजार से अधिक लोगों की भीड़ जुट गई। इसके बाद जब भोले बाबा अपनी गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे तो लोग उनका आशीर्वाद लेने के लिए पीछे भागने लगे। इस दौरान वहां मौजूद सेवादारों ने लोगों को डंडो के लिए जरिए रोकने की कोशिश की। इस कारण कई श्रद्धालु दब गए और चीख पुकार मच गई।
UP-Hathras stampede | Advocate Gaurav Dwivedi files a Public Interest Litigation (PIL) in the Allahabad High Court demanding a CBI inquiry into the Hathras Stampede accident pic.twitter.com/UtsF4fqnDe
— ANI (@ANI) July 3, 2024
साक्ष्य छिपाने में जुटे सेवादार
एफआईआर में लिखा गया है कि हादसे के बाद आयोजनकर्ताओं की ओर से कोई मदद नहीं मिली। ऐसे में पुलिस प्रशासन सीमित संसाधनों के साथ लोगों को हाॅस्पिटल पहुंचाने में जुटे रहे। हादसे के बाद आयोजनकर्ताओं और सेवादारों ने मिलकर आयोजन स्थल पर बिखरे चप्पल और अन्य सामान को पास के खेतों में फेंक दिया ताकि साक्ष्यों को छिपाया जा सके। सेवादारों के उक्त कृत्य से बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए।
पूरी कड़ाई से होगी मामले की जांच
प्रभारी मंत्री असीम अरुण देर रात हाथरस पहुंचे यहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं एक चीज कह सकता हूं किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। मामले की पूरी कड़ाई से जांच की जाएगी। एडीजी आगरा जोन के नेतृत्व में टीमों का गठन कर दिया गया है। वहीं मंत्री ने कहा कि अभी हमारी प्राथमिकता है कि लोगों को उचित इलाज मिले। श्रद्धालुओं की अनुमति को लेकर भी कई सवाल उठ रहे हैं उसकी भी जांच की जा रही है।
जानें कौन हैं भोले बाबा
बता दें कि भोले बाबा का नाम असली नाम सूरजपाल है। वह कासगंज के बहादुर नगर का मूल निवासी है। सूरजपाल ने साल 1990 के दशक के अंत में पुलिस की नौकरी छोड़कर प्रवचन देना शुरू किया था। बाबा ने सत्संग करना शुरू कर दिया। भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। सत्संग में बाबा की पत्नी भी साथ रहती हैं। वह एससी समुदाय से आते हैं।
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