देश में कई एक्सप्रेसवे पर काम किया जा रहा है, इन्हीं में से एक FNG एक्सप्रेसवे भी है। इसका काम दशकों पहले शुरू हुआ था, लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हो पाया है। इस एक्सप्रेसवे से फरीदाबाद-नोएडा-गाजियाबाद को जोड़ा जाएगा। इसका काम उत्तर प्रदेश में बहुत पहले ही शुरू हो गया था, लेकिन हरियाणा सरकार की तरफ से इसको मंजूरी मिलनी बाकी थी। हालांकि, कुछ दिन पहले ही हरियाणा सरकार ने भी इसकी मंजूरी दे दी। हाल ही में एक्सप्रेसवे को लेकर नया अपडेट सामने आया है, जिसमें फरीदाबाद सरकारी निकाय ने नोएडा प्राधिकरण को एक पत्र भेजा है।
600 मीटर लंबे पुल के निर्माण
दोनों राज्यों ने नोएडा के मंगरोली गांव के पास यमुना नदी पर एक 600 मीटर लंबे पुल का निर्माण होना है। इसमें आने वाली लागत को समान रूप से दोनों राज्यों में बांटा जाएगा। इस एक्सप्रेसवे को गाजियाबाद और नोएडा होते हुए फरीदाबाद से जोड़ा जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इस पुल की लागत का 50 फीसदी नोएडा प्राधिकरण वहन करेगा, जबकि इसका निर्माण हरियाणा की एक एजेंसी करेगी। इस प्रोजेक्ट को इसी साल के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा।
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मिला ऑफिशियल लेटर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएडा प्राधिकरण के मुख्य महाप्रबंधक विजय रावल ने इससे जुड़ा अपडेट दिया है। उन्होंने कहा कि ‘फरीदाबाद सरकारी निकाय से एक ऑफिशियल लेटर मिला है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वे प्रोजेक्ट की लागत में हिस्सेदारी के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट से गाजियाबाद-नोएडा के अलावा, फरीदाबाद के लाखों लोगों को फायदा मिलेगा, क्योंकि इससे यात्रा का समय 40 मिनट तक कम हो जाएगा।
कब शुरू हुआ था एक्सप्रेसवे का काम?
एफएनजी एक्सप्रेसवे को 1989 में प्रस्तावित किया गया था। इसका उद्देश्य इन तीनों शहरों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना है, लेकिन इसका काम कई कारणों के चलते बहुत धीमी गति से चल रहा है। इसमें देरी के लिए अधिकारियों ने कई कारण बताए, जिसमें यूपी और हरियाणा के बीच समन्वय की कमी और अनसुलझे फंडिंग मुद्दों को बताया गया। इसका काम उत्तर प्रदेश में हरियाणा बॉर्डर तक हो चुका है। इस एक्सप्रेसवे में अभी खास तौर पर यमुना पुल का निर्माण किया जाना है।
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