Bahraich Police Video Viral: उत्तर प्रदेश की बहराइच पुलिस ने शानदार कारनामा करके अनोखा इतिहास रच दिया है. पुलिस अधीक्षक RN ने कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को गार्ड ऑफ ऑनर दे दिया. पूरी टीम के साथ पूरी परेड कराते हुए सारे प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए कथावाचक को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
समाजवादी पार्टी ने संविधान का अपमान कहा
समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने अपने ऑफिशियल X हैंडल पर वीडियो अपलोड करके सवाल उठाए. बहराइच पुलिस के कारनामे को संविधान के साथ-साथ बाबा साहेब का अपमान बताया. समाजवादी पार्टी ने पूछा है कि कथावाचक पुंडरीक किस संवैधानिक पद पर हैं, जो उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, लेकिन किसी सीनियर अधिकारी का इस पर जवाब नहीं आया.
समाजवादी पार्टी ने सवाल किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महोदय संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था को ताक पर रखकर राज करते हैं और उनके अंदर काम करने वाले भी ऐसा ही करते हैं. आज तक किसी ने संविधान का और बाबा साहेब का इस तरह का अपमान नहीं किया है, लेकिन BJP की योगी आदित्यनाथ सरकार अपमान करने का मौका नहीं चूकती.
बहराइच पुलिस ने रचा इतिहास कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को पुलिस अधीक्षक RN ने दिया पूरी परेड का गार्ड ऑफ़ ऑनर बाकायदा वीडियो बनाकर वाइरल भी किया गया, विपक्ष उठा रहा सवाल #Bahraich pic.twitter.com/sTumqwJ8W5
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लाल कालीन बिछाकर किया गया था स्वागत
वायरल वीडियो में साफ देख सकते हैं कि कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी सफेद रंग की SUV में आते हैं और पुलिस अधिकारी उन्हें सैल्यूट करता है. उनका स्वागत करने के लिए रेड कारपेट भी बिछाया गया है. फिर कथावाचक के सामने पुलिस लाइन में परेड कराई जाती है और कथावाचक मंच पर बैठकर परेड का निरीक्षण भी करते हैं, जबकि भारतीय संविधान में प्रावधान है कि गार्ड ऑफ ऑनर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री और केंद्रीय मंत्री या उच्च अधिकारियों को ही दिया जाता है.
मामले में क्या कहती है बहराइच पुलिस?
बहराइच पुलिस कहा कहना है कि आचार्य पंडित गोरखराम जी जवानों मनोबल बढ़ाने, उन्हें प्रोत्साहित करने, उन्हें ध्यान-योग कराकर मानसिक रूप से शांत करने के लिए बुलाया गया था. पिछले कई दिन में अलग-अलग कारणों से 28 पुलिसकर्मी पद से इस्तीफा दे चुके हैं. पुलिस ट्रेनिंग के दौरान कठिन मानसिक और शारीरिक परिश्रम के कारण जवान मानसिक अवसाद में चले जाते हैं. उनका मनोबल ऊंचा रहे और वे मानसिक तनाव न लें, इसलिए कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को बुलाया गया था.










