Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो खत्म हो चुका है, लेकिन उसके दौरान किया गया बस रूट डायवर्जन अब तक वापस नहीं लिया गया है. नतीजा यह है कि नोएडा से आगरा, बुलंदशहर और अन्य रूटों पर चलने वाली रोडवेज बसों को छह से आठ किलोमीटर तक अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे यात्रियों को 40 मिनट से एक घंटे तक की देरी का सामना करना पड़ रहा है.
लंबे रूट से गुजर रहीं बसें, यात्री परेशान
नोएडा डिपो से चलने वाली बसों को परी चैक से यमुना एक्सप्रेसवे होते हुए आगरा व अन्य मार्गों पर जाना होता है. लेकिन फिलहाल इन बसों को अंसल मॉल के सामने सर्विस रोड से अल्फा कमर्शियल बेल्ट, डेल्टा-1 गोलचक्कर और पी-3 से होते हुए निकाला जा रहा है. यह रूट करीब 6 किलोमीटर लंबा हो गया है. इसी तरह बुलंदशहर से नोएडा आने वाली बसों को भी अल्फा-1 से होकर पी-3 तक का चक्कर काटना पड़ रहा है, जिससे 8 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है.
जाम में फंसी बसें, यात्रियों का बढ़ा इंतजार
अल्फा-2 गोलचक्कर, डेल्टा-1, स्वर्णनगरी और यमुना प्राधिकरण कार्यालय जैसे क्षेत्रों में भीषण जाम के कारण बसों को आगे बढ़ने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों को बस स्टॉप्स पर लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है, जबकि रोडवेज को ईंधन और समय का डबल नुकसान हो रहा है.
पुराने रूट को बहाल किया जाए
ग्रेटर नोएडा डिपो के एआरएम अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि मौजूदा व्यवस्था से रोडवेज को आर्थिक नुकसान हो रहा है और यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ रही है. विभाग चाहता है कि बसों को फिर से पूर्व निर्धारित मार्ग से चलने की अनुमति दी जाए. प्रत्येक बस को रोजाना छह से आठ किलोमीटर ज्यादा चलना पड़ रहा है.
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