Greater Noida News: भारत के स्वच्छ ऊर्जा भविष्य को नई दिशा देने के लिए ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 30 अक्टूबर से तीन दिवसीय रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया और द बैटरी शो इंडिया एक्सपो का आयोजन किया जाएगा. इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में 1,050 से अधिक प्रदर्शक और करीब 55,000 उद्योग विशेषज्ञ एक साथ भाग लेंगे. सभी मिलकर देश में तकनीकी ऊर्जा और भंडारण तकनीक के क्षेत्र में संभावनाओं को नया आयाम देंगे.
नेट जीरो प्राप्त करने के लिए मार्ग का निर्धारण होगी थीम
इस वर्ष एक्सपो की थीम ‘नेट जीरो प्राप्त करने के लिए मार्ग का निर्धारण’ रखी गई है. आयोजनकर्ता इन्फार्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने बताया कि यह आयोजन उस समय हो रहा है जब भारत का तकनीकी ऊर्जा क्षेत्र तेजी से विकास कर रहा है. उन्होंने कहा जून 2024 के 1.4 गीगावाट से बढ़कर जून 2025 में 7.3 गीगावाट की क्षमता वृद्धि दर्ज हुई है. यानी महज एक वर्ष में 420 प्रतिशत की बढ़ोतरी भारत की स्वच्छ ऊर्जा क्रांति को दर्शा रही है.
1500 लोगों को रोजगार देगा अल्ट्रा वाइब्रेंट
अल्ट्रा वाइब्रेंट सोलर के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश्वर सिंह का कहना है हमारी इन-हाउस ईपीसी टीम हर प्रोजेक्ट में बेहतरीन गुणवत्ता और उच्च दक्षता सुनिश्चित करती है. हमारा लक्ष्य केवल सौर ऊर्जा परियोजनाएं पूरी करना नहीं है, बल्कि भारत में डिकार्बोनाइजेशन और टिकाऊ ऊर्जा के भविष्य को मजबूत करना है. इस एक्सपो में अल्ट्रा वाइब्रेंट सोलर और लिथिना एनर्जी कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करेंगे. लिथिना एनर्जी ने जयपुर में अपनी बीईएसएस मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का उद्घाटन किया, जिससे 500 से अधिक नए लोगों को रोजगार मिला. वहीं, अल्ट्रा वाइब्रेंट सोलर ने वित्त वर्ष 2026-27 के लिए 1,500 करोड़ का टर्नओवर और 15,000 से अधिक रोजगार देने का लक्ष्य रखा है.
पूरी श्रृंखला प्रदर्शित होगी
एक्सपो में सौर विनिर्माण, बैटरी स्टोरेज, ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, बायोमास और पवन ऊर्जा जैसे क्षेत्रों से जुड़ी नवीन तकनीकों और समाधान का प्रदर्शन किया जाएगा. नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा समर्थित एक विशाल जैव ऊर्जा मंडप भी बनाया गया है, जिसमें विश्वभर की 65 नामी कंपनियां हिस्सा ले रही हैं.
भारत बना हरित ऊर्जा का वैश्विक अग्रणी
भारत आज 242.8 गीगावाट ईंधन क्षमता के साथ तेजी से ऊर्जा स्वतंत्रता की तरफ आगे बढ़ रहा है. देश अब अपनी कुल बिजली उत्पादन का आधा से अधिक हिस्सा स्वच्छ स्रोतों से प्राप्त कर रहा है. 2014 में जहां भारत की तकनीकी ऊर्जा क्षमता 76 गीगावाट थी, वहीं 2025 तक यह 234 गीगावाट के करीब पहुंचने जा रही है.
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