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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

ग्रेटर नोएडा में बाप-बेटे-बहु और पोते को आजीवन कारावास, जानें क्या है कारण ?

Greater Noida News: गौतमबुद्धनगर की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा की अदालत ने पांच साल पुराने हत्या और गोलीकांड के मामले में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों में जसमाल (80) उनका बेटा राजकुमार, बहु निरोज, पोता निशांत उर्फ निशु और पोता मोन्टी शामिल हैं.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Oct 8, 2025 15:37
Delhi Court | Hit And Run Case | Kanjhawala
हादसे में 20 साल की अंजलि नामक युवती की जान चली गई थी.

Greater Noida News: गौतमबुद्धनगर की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मिश्रा की अदालत ने पांच साल पुराने हत्या और गोलीकांड के मामले में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को दोषी ठहराते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. दोषियों में जसमाल (80) उनका बेटा राजकुमार, बहु निरोज, पोता निशांत उर्फ निशु और पोता मोन्टी शामिल हैं. अदालत ने दोषियों पर 34-34 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसमें जुर्माना जमा न करने पर दोषियों को छह महीने का अतिरिक्त कारावास काटना होगा.

यह है पूरा मामला

घटना 29 जून 2020 की है, जब पीड़ित बाबूराम ने कासना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई कि उनके भतीजे सोनू को बिलासपुर से गांव नियाना लौटते समय जसमाल और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने रास्ता रोककर उसकी मारपीट की थी. सोनू किसी तरह घर पहुंचे और घटना की जानकारी दी. इसके बाद वादी के भाई राजेंद्र सिंह, बिजेंद्र सिंह और देवेंद्र सिंह शिकायत करने जसमाल के घर पहुंचे, तभी जसमाल ने अपनी लाइसेंसी बंदूक अपने पोते निशांत को दे दी. वहीं, राजकुमार की पत्नी निरोज ने घर से दो फरसे निकालकर अपने पति राजकुमार और पुत्र मोंटी को दे दिए.

निशांत ने मारी थी गोली

निशांत ने बंदूक से बिजेंद्र पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इसके बाद राजकुमार और मोंटी ने फरसे से राजेंद्र, बिजेंद्र और देवेंद्र पर हमला कर दिया. इस हमले में राजेंद्र और देवेंद्र गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि बिजेंद्र की मौत हो गई थी.

साक्ष्य को मिटाने की कोशिश

अभियोजन पक्ष ने अदालत में यह भी कहा कि आरोपियों ने घटना के बाद शव को अपने घर में खींचने की कोशिश की, ताकि घटना के स्वरूप को बदलकर साक्ष्य मिटाया जा सके.

अधिवक्ता की दलील

दोषियों के अधिवक्ता ने अदालत में इनकी उम्र का हवाला देते हुए कम सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इनकी नृशंस हरकतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

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First published on: Oct 08, 2025 03:37 PM

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