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गोंडा सीट पर बृजभूषण सिंह ने खोला था भाजपा का खाता, इस बार होगा दिलचस्प मुकाबला

Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। उम्मीदवार भी अपने क्षेत्र में जाकर वोट मांग रहे हैं। उत्तर प्रदेश की गोंडा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। बृजभूषण सिंह ने इस सीट पर पहली बार भाजपा का खाता खोला था।

Edited By : Deepak Pandey | Apr 5, 2024 07:30
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Gonda Lok Sabha Seat
गोंडा सीट का क्या है चुनावी समीकरण?

Gonda Lok Sabha Seat : देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। राजनीतिक दलों की ओर से उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा जा रहा है। उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में शुमार गोंडा लोकसभा सीट पर कांटे का मुकाबला देखने को मिलेगा। रामनगरी अयोध्या से सटी गोंडा सीट पर पहले कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी का गढ़ बन गया है। आइए जानते हैं कि गोंडा सीट का क्या है चुनावी समीकरण?

गोंडा का चुनावी समीकरण

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गोंडा सीट पर ब्राह्मण और ठाकुर की संख्या 2-2 लाख है। मुस्लिम वोटर साढ़े तीन लाख हैं। इस सीट पर कुर्मी और दलित वोटरों की संख्या पांच लाख है। ऐसे में किसी भी उम्मीदवारों की जीत में कुर्मी-दलित वोटर निर्णायक भूमिका में नजर आते हैं।

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गोंडा सीट पर दिलचस्प मुकाबला

भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार मौजूदा सांसद कीर्ति वर्धन सिंह पर विश्वास जताया है। कीर्ति वर्धन सिंह इस बार जीत की हैट्रिक लगाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अखिलेश यादव ने गोंडा से श्रेया वर्मा को उम्मीदवार बनाया है, जोकि बेनी प्रसाद वर्मा की पौत्री हैं। वे उत्तर प्रदेश में कुर्मी समाज के बड़े नेता थे। ऐसे में सपा ने उनकी पौत्री श्रेया वर्मा को टिकट देकर कुर्मी वोटरों को साधने की कोशिश की। हालांकि, बीएसपी ने अभीतक इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है।

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बृजभूषण शरण सिंह ने खोला था भाजपा का खाता

आजादी के बाद से गोंडा सीट पर 17 बार लोकसभा चुनाव हुए हैं। कांग्रेस ने 8 बार, बीजेपी ने 5 बार, सपा ने 2 बार, निर्दलीय उम्मीदवार ने एक बार और जनता पार्टी ने एक बार जीत हासिल की है। इस सीट पर पहली बार बृजभूषण शरण सिंह ने भारतीय जनता पार्टी का खाता खोला था। 1991 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस के कुंवर आनंद सिंह को हराया था। इसके बाद साल 1996 में उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह ने जीत हासिल की। 1999 में बृजभूषण शरण सिंह फिर इस सीट से सांसद बने थे।

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Written By

Deepak Pandey

First published on: Apr 05, 2024 07:30 AM

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