जहां दिल्ली में मनमानी फीस बढ़ोतरी को लेकर दिल्ली सरकार स्कूलों के खिलाफ सख्त है तो वहीं गाजियाबाद में फीस बढ़ोतरी को लेकर मचे बवाल के बीच जयपुरिया स्कूल को बड़ी राहत मिली है। जिला शुल्क नियामक समिति (DFRC) ने स्कूल के पक्ष में फैसला सुनाया है। डीएफआरसी का साफ कहना है कि सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल ने यूपी फीस रेगुलेशन एक्ट 2018 के तहत ही फीस तय की है और उसमें कोई गड़बड़ी नहीं मिली है।
डीएफआरसी के जवाब के बाद पैरेंट्स ने हाई कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी तो HC ने उनकी रिट को खारिज कर दिया। दरअसल, 2019-20 सेशन के बाद करीब 4 हजार स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ और सभी ने नई फीस को स्वीकार किया। शुरू में 172 अभिभावकों ने विरोध किया था, लेकिन अब ये संख्या घटकर 105 रह गई है।
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स्कूल मैनेजमेंट ने क्या कहा?
इसे लेकर स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि हमने किसी नियम की अनदेखी नहीं की। फीस बढ़ोतरी पूरी तरह से कानूनी है। अगर किसी पैरेंट की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो बातचीत से रास्ता निकाला जा सकता है।
विरोध और प्रदर्शन के बजाये समाधान संवाद से निकलेगा
स्कूल का ये भी कहना है कि विरोध और प्रदर्शन के बजाये समाधान संवाद से निकलेगा। फिलहाल DFRC के इस फैसले को जयपुरिया स्कूल के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है और इसने बाकी स्कूलों के लिए भी एक मिसाल पेश की है।
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