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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

नोएडा में फर्जी कंपनी के जरिए करोड़ों का टैक्स घोटाला उजागर, कागजों पर रची गई धोखाधड़ी की स्क्रिप्ट

Noida News: नोएडा के सेक्टर-3 में फर्जी रजिस्टर्ड कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये के टैक्स घोटाले का खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि कंपनी ने फर्जी बिलों के जरिए 30 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्शाया और उस पर 6.42 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम किया गया।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Aug 25, 2025 20:11

Noida News: नोएडा के सेक्टर-3 में फर्जी रजिस्टर्ड कंपनी के जरिए करोड़ों रुपये के टैक्स घोटाले का खुलासा हुआ है। हनुमंत टेक्नो सोलर प्राइवेट लिमिटेड नाम की इस कंपनी का नाम भले ही सुनने में बड़ा लगे, लेकिन हकीकत में यह कंपनी केवल कागजों पर अस्तित्व में थी। जांच में सामने आया है कि कंपनी ने फर्जी बिलों के जरिए 30 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्शाया और उस पर 6.42 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम किया गया।

जांच में खुली पोल, मौके पर नहीं मिला कोई दफ्तर
राज्य जीएसटी विभाग की एसआईबी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन ब्रांच) टीम ने जब कंपनी द्वारा पंजीकृत पते की जांच की तो वहां न कोई दफ्तर मिला न कोई कर्मचारी। दिए गए पते पर किसी भी व्यावसायिक गतिविधि का कोई प्रमाण नहीं मिला। विभाग ने कंपनी को नोटिस भेजा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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नौकरी के नाम पर लिए गए दस्तावेज
जांच में कंपनी का डायरेक्टर मध्यप्रदेश निवासी वाहिद हुसैन निकला। जब टीम ने उससे संपर्क किया तो उसने बताया कि उसने राधे नामक व्यक्ति को नौकरी के लिए अपने दस्तावेज दिए थे। कुछ समय बाद जब नौकरी नहीं लगी तो दोनों के बीच संपर्क टूट गया। वाहिद ने दावा किया कि उसे इस फर्जीवाड़े की कोई जानकारी नहीं है।

इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए करोड़ों का नुकसान
फर्जी कंपनी के जरिए जाली बिल बनाकर आईटीसी क्लेम किया गया। फिर उसे दूसरी कंपनियों को पास ऑन कर दिया गया। इस प्रक्रिया में राज्य कर विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस फर्जीवाड़े के पीछे संगठित गिरोह काम कर रहा है जो भोले-भाले लोगों के दस्तावेजों का दुरुपयोग करता है।

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थाने में एफआईआर दर्ज
स्टेट जीएसटी के असिस्टेंट कमिश्नर महेंद्र कुमार ने इस पूरे मामले में फेज-1 थाने में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के आधार पर वाहिद हुसैन, इरसाद अली और राधे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि किस तरह से इस कंपनी को रजिस्टर्ड कराया गया। किन लोगों ने दस्तावेज जुटाए और इसमें किन अधिकारियों या दलालों की मिलीभगत हो सकती है।

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First published on: Aug 25, 2025 08:11 PM

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