मनीष कुमार मिश्र, देवरिया
उत्तर प्रदेश के देवरिया से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित मासूम बच्ची ने रो-रो कर जिले के चाइल्ड केयर यूनिट की हकीकत बयां की है। बच्ची ने बाल कल्याण समिति को बताया कि किस तरह संस्था के कुछ कर्मचारियों ने उसे प्रताड़ित कर उसकी जेब में रखे 1500 रुपये निकाल लिए। मासूम बच्ची के आंसुओं ने बाल कल्याण समिति के सामने देवरिया चाइल्ड केयर की पोल खोल दी है।
8 महीने पहले का मामला
दरअसल, ये मामला 16 सितंबर 2024 का है। इस बच्ची की पहचान वैष्णवी के रूप में हुई है, जो बिहार के बेगूसराय के रहने वाले पदम नाभम सुरेशम की बेटी है। वैष्णवी ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित है, जिसका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है। इसी इलाज के लिए 16 सितंबर 2024 को पदम नाभम सुरेशम अपनी बेटी वैष्णवी को लेकर वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन से दिल्ली एम्स जा रहे थे। इस दौरान नाभम सुरेशम को नींद आ गई। तभी उनकी बीमार बच्ची वैष्णवी देवरिया रेलवे स्टेशन पर उतर गई थी। जब नाभम सुरेशम की आंख खुली तो उसने देखा कि बच्ची ट्रेन कोच में नहीं है। इसके बाद उसने तुरंत ट्रेन में चल रहे सुरक्षा बल को इसके बारे में बताया। जांच के बाद पता चला कि बच्ची देवरिया रेलवे स्टेशन पर उतर गई है। वैष्णवी के पिता गोरखपुर स्टेशन से देवरिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां देवरिया GRP पुलिस ने उसे बाल कल्याण समिति में सौंप दिया था।
बच्ची के जेब से निकाले 1500 रुपये
मासूम बच्ची वैष्णवी का पिता देवरिया के बाल कल्याण समिति पहुंचा। यहां उसने देखा कि उनकी बच्ची रो रही है। बच्ची ने अपने पिता को बताया कि मेरी जेब में रखे 1500 रुपये यहां के कर्मचारियों ने निकाल लिए और मुझे प्रताड़ित भी किया। वहीं, जब एक कर्मचारी ने बच्ची से पूछा कि उसके पैसे किसने लिए हैं तो उसने बताया कि उसका पैसा विशाखा और अमित ने ले लिया।
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अभी तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
इसके बाद वैष्णवी के पिता ने इसकी लिखित शिकायत देवरिया के जिला प्रोवेशन अधिकारी अनिल कुमार सोनकर से की, जिसे करीब 8 महीने हो गए हैं। लेकिन अधिकारी ने उन कर्मचारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, जिला प्रोवेशन अधिकारी ने अपने कर्मचारियों को बचाते हुए गोल-मोल जवाब दिया। जवाब से लगता है कि जिला प्रोवेशन अधिकारी जिम्मेदारों पर कार्रवाई के बजाय इनसे मिले हुए हैं और उनकी भी भूमिका संदिग्ध है।