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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

बिना फेरे हम तेरे! लिव इन में हुए 3 बच्चे, प्रेमी ने कर लिया ब्रेकअप और फिर…

देहरादून से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए कपल के 3 बच्चे हो गए, जिसके बाद प्रेमी ने प्रेमिका से किनारा कर लिया। इस मामले में राज्य महिला आयोग ने एक्शन लिया है।

Author Edited By : Sakshi Pandey Updated: Mar 16, 2025 11:43
Live in Relationship breakup after 3 Childrens

Live in Relationship breakup after 3 Childrens: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल ने एक, दो नहीं बल्कि 3 बच्चों को जन्म दिया। वहीं जब बच्चों के पालन-पोषण में दिक्कतें आने लगी तो प्रेमी ने प्रेमिका से किनारा कर लिया। बेबस और बेसहारा प्रेमिका ने अब महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया है।

लिव इन रिलेशनशिप का ट्रेंड

लिव इन रिलेशनशिप का ट्रेंड कई शहरों में आम हो गया है। बिना शादी के साथ रहते हुए कई कपल्स बच्चों को जन्म तक दे देते हैं। मगर कुछ समय बाद उनका रिश्ता कमजोर होने लगता है और ब्रेकअप होने तक की नौबत आ जाती है। ऐसा ही कुछ देखने को मिला है देहरादून में, जहां एक कपल पिछले कई सालों से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहा था।

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क्या है पूरा मामला?

खबरों की मानें तो लिव इन रिलेशनशिप में दोनों का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि वो भूल गए उनकी शादी नहीं हुई है। प्रेमी और प्रेमिका बिल्कुल पति-पत्नी की तरह रहते थे। इस बीच दोनों के तीन बच्चे भी हो गए। प्रेमिका की मानें तो तीसरे बच्चे के जन्म के बाद दोनों के रिश्ते में खटास आने लगी। प्यार धीरे-धीरे कम हो गया और फिर प्रेमी ने प्रेमिका से किनारा कर लिया। उसने बच्चों और प्रेमिका की जिम्मेदारी लेने से साफ मना कर दिया।

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महिला आयोग ने करवाई सुलह

प्रेमिका को मजबूरन राज्य महिला आयोग के पास जाना पड़ा। महिला आयोग में शिकायत दर्ज करवाते हुए महिला ने खुद को पत्नी बताया और कहा कि उसके पति ने उसे छोड़ दिया है। हालांकि मामले की जांच में पता चला कि दोनों की शादी नहीं हुई थी और वो लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। आखिर में महिला आयोग ने प्रेमी को बुलाकर दोनों की सुलह करवाई और उसने बच्चों का खर्च देने की बात मान ली।

सरकार ने लागू किया UCC 

उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल का कहना है कि इन्ही समस्याओं से निपटने के लिए सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत लिव इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया है। अगर कपल ने रजिस्ट्रेशन करवाया होता तो कानूनी रूप से न सिर्फ महिला को भरण-पोषण बल्कि उसके बच्चों को संपत्ति में भी अधिकार मिलता। हालांकि उनका रिश्ता कानूनी रूप से मान्य नहीं है, इसलिए हम भी इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं।

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First published on: Mar 16, 2025 11:43 AM

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